इधर जर्मनी जाने की थी तैयारी, उधर यमराज कर रहा था इंतजार
सूरज ने जर्मनी जाने की पूरी तैयारी कर ली थी। उसे एमटेक की पढ़ाई जो करनी थी।
झरिया। सूरज ने जर्मनी जाने की पूरी तैयारी कर ली थी। उसे एमटेक की पढ़ाई जो करनी थी। उसे इंतजार था तो बस इलाज को वेल्लोर गये अपने पिता सुदामा विश्वकर्मा के आगमन का। पिता के आने से पहले ही सूरज को अपने साथ यमराज ले गया। इसी के साथ जर्मनी जाने की उसकी तैयारी खत्म हो गई।
बनियाहीर झरिया निवासी सुदामा विश्वकर्मा के घर मातम पसरा हुआ है। घरवालों का रो-रोकर हाल-बेहाल है। विश्वकर्मा के 22 वर्षीय पूत्र सूरज कुमार की मौत जो गई है। गुरुवार सुबह सूरज के पेट में दर्द उठा। दर्द और बेचैनी से परेशान सूरज को इलाज के लिए स्थानीय नर्सिग होम में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए धनबाद भेज दिया। इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। उसका शव बनियाहीर पहुंचते ही मातम पसर गया। सूरज कुछ दिन बाद एमटेक की पढ़ाई करने के लिए जर्मनी जाने वाला था। सारी तैयारी व जरूरी कागजात भी तैयार कर लिए थे। बीमार पिता सुदामा का इलाज का वेल्लोर से चल रहा है। दो दिन पूर्व ही वह चेकअप के लिए गए थे। पिता के लौटने के बाद छात्र सूरज को जर्मनी के लिए निकलना था। उसके पिता गुरुवार को वेल्लोर पहुंचे ही थे कि पुत्र की मौत की सूचना मिलने पर तत्काल वापस लौट आये।
बेटे की मौत से टूट चुके सुदामा कहते हैं, सूरज की जगह मेरी मौत क्यों नहीं आई? क्या सपना देखा था और क्या हो गया?