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झारखंड के पाकुड़ में प्रचलन में जाली नोट, कहां से हो रही सप्लाई ? धंधेबाजों के सिर पर किसका हाथ ?

दो वर्ष पूर्व साहिबगंज पुलिस व एनआइए ने बंगाल के मुर्शिदाबाद से बांग्लादेशी नागरिक रहीम शेख को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि बांग्लादेश के कई ठिकानों पर भारतीय जाली करेंसी की छपाई होती है। उसे भारत में खपाने के लिए कई गिरोह काम कर रहा है।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 04:28 PM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 04:36 PM (IST)
पाकुड़ में बरामद जाली नोट ( फोटो साैजन्य)।

गणेश पांडेय, पाकुड़। पश्चिम बंगाल सीमा से सटे झारखंड के पाकुड़ में पांच सौ रुपये के जाली नोट मिले हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व एक बैंक में पांच सौ के दो जाली नोट पकड़ में आए हैं। जाली नोट मिलने से माना जा रहा है कि जाली नोट के कारोबारियों ने सक्रियता बढ़ा दी है। यहां पहले भी जाली नोट मिलते रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मालदा के कालियाचक में जाली करेंसी का कारोबार खूब होता है। पाकुड़ से कलियाचक की दूरी करीब 45 किलोमीटर है। वहां से ही जाली नोट इस इलाके में खपाए जा रहे हैं। हालांकि पुलिस की जांच से ही साबित हो सकेगा कि ये नोट कहां से आए हैं ? बैंक ने तत्काल जाली नोटों को रद कर दिया। ग्राहक ने बताया कि उसके नोट के बंडल से दो जाली नोट निकले थे। जिसे बैंक ने रद कर दिया।

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फरक्का में पकड़ाया था पाकुड़ का अमिजुद्दीन

वर्ष 2018 में फरक्का थाना पुलिस ने न्यू फरक्का मोड़ से सात लाख जाली नोट के साथ पाकुड़ के अमिजुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद एनआइए ने उस समय अमिजुद्दीन से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए पाकुड़ व साहिबगंज जिले के कई इलाके में छापेमारी की थी। अमिजुद्दीन के गिरफ्तार होने के बाद पाकुड़ पुलिस के कान खड़े हो गए थे। उस समय मुफस्सिल थाना पुलिस भी काफी सतर्क हो गई थी।

पाकुड़ में तीन लाख के साथ पकड़ाया था प्रताप

वर्ष 2016-17 में नगर थाना पुलिस ने रेलवे स्टेशन से नजदीक गांधी चौक के पास जाल बिछाकर पश्चिम बंगाल मालदा के चायपाड़ा निवासी प्रताप घोष को तीन लाख जाली नोट के साथ गिरफ्तार कर लिया था। वह वनांचल एक्सप्रेस से रांची जाने के फिराक में था। पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की थी। प्रताप ने पुलिस को कई चौंकाने वाली बात बताई थी। प्रताप की निशानदेही पर पुलिस ने उसी के गांव से वकील घोष को भी गिरफ्तार किया था। वकील ने पुलिस को बताया था कि बांग्लादेश के रास्ते जाली नोट मालदा लाया गया था। वर्ष 2018 में मालपहाड़ी ओपी क्षेत्र से भी पांच सौ के चार जाली नोट के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2017 में नगर थाना के पास वाहन जांच अभियान के दौरान एक युवक को पकड़ा था। उसके बाइक की डिक्की से 20 हजार रुपये जाली नोट बरामद हुए थे। उसे जेल भेज दिया गया था।

बांग्लादेशी नागरिक ने किया था अहम खुलासा

दो वर्ष पूर्व साहिबगंज पुलिस व एनआइए ने बंगाल के मुर्शिदाबाद से बांग्लादेशी नागरिक रहीम शेख को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि बांग्लादेश के कई ठिकानों पर भारतीय जाली करेंसी की छपाई होती है। उसे भारत में खपाने के लिए कई गिरोह काम कर रहा है। रहीम को आठ लाख जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तार युवक बांग्लादेश के चपाई नबावगंज जिला अंतर्गत शिवगंज वोदापाड़ा का रहने वाला था। उनकी निशानदेही पर एनआइए ने बांग्लादेश के कई ठिकानों में छापेमारी भी की थी। जानकारों का कहना है कि मालदा और मुर्शिदाबाद इलाके में जाली नोट के धंधेबाजों को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। 

बैंक की अपील

एसबीआइ मुख्य शाखा के शाखा प्रबंधक रामसुंदर पांडेय ने बताया कि जाली नोट पकड़ने के लिए एसबीआइ में फेक नोट डिटेक्टिव मशीन लगा है। मशीन से ही जाली नोट की पहचान होती है। अन्य बैंकों में भी इस तरह के मशीन होते हैं। जिससे जाली नोट की पहचान होती है। पहले नोट को छूकर भी यह पता चल जाता था कि यह जाली नोट है। नोट का कागज मोटा होना बड़ी पहचान है।

सभी बैंकों को सतर्क रहने की जरूरत है। इस तरह के मामले में पुलिस को सूचना देना चाहिए। ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।

-वैद्यनाथ प्रसाद, पुलिस उपाधीक्षक, पाकुड़


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