जागरण संवाददाता, धनबाद : धनबाद से जमशेदपुर जानेवाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस और धनबाद, बोकारो व रांची को बाबा नगरी देवघर से जोड़ने वाली देवघर-रांची इंटरसिटी के रेलवे की लिस्ट से हट जाने की खबर ने जहां यात्रियों को तगड़ा झटका दिया है वहीं सांसद और झारखंड के मंत्री भी इससे आश्चर्यचकित हैं। उन्हें यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि रेलवे ने ऐसा कोई निर्णय लिया है। धनबाद और जमशेदपुर के सांसद कह रहे हैं कि पहले पक्की जानकारी लेंगे। वाकई ऐसा हुआ है तो रेलवे बोर्ड चेयरमैन और रेलमंत्री से मिलकर बात करेंगे।

झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री और धनबाद के प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि अगर ऐसा हुआ है तो निर्णय पूरे राज्य की जनता के खिलाफ है। कोयला नगरी से इस्पात नगरी के बीच रेल नेटवर्क नहीे तोड़ने देंगे। दूसरी ओर, रेलवे का कहना है कि वर्तमान जो जो ट्रेनें चल रही हैं। उनके बारे में ही कहा जा सकता है। जो ट्रेनें लिस्ट में नहीं हैं। उन्हें स्थायी तौर पर बंद कर दिया या नहीं इस पर रेलवे बोर्ड से आदेश मिलने पर ही कुछ कहा जा सकेगा। शुक्रवार को रेलवे बोर्ड ने ट्रेनों को कोविड काल से पहले की तरह चलाने का आदेश जारी कर दिया। इसके साथ ही शनिवार को सामान्य होने वाली ट्रेनों की लिस्ट जारी हो गई। पूर्व मध्य रेल की 148 ट्रेनों में धनबाद-टाटा स्वर्णरेखा एक्सप्रेस शामिल नहीं हुई तो पूर्व रेलवे की 218 ट्रेनों की लिस्ट में देवघर-रांची इंटरसिटी को जगह नहीं मिली। स्वर्णरेखा एक्सप्रेस के बंद होने के संकेत रेलवे ने पहले ही दे दिए थे।  देवघर-रांची इंटरसिटी को दुमका तक विस्तार देने की योजना थी। पर ट्रेन लापता हो गई है।

घाटे में है तो शार्ट रूट से चलाई जाए स्वर्णरेखा एक्सप्रेस, मिलने लगेंगे यात्री

रेलवे का कहना है कि धनबाद से टाटा जानेवाली स्वर्णरेखा एक्सप्रेस को यात्री नहीं मिल रहे थे। टिकटों की बुकिंग बेहद कम होने के कारण इस ट्रेन को चलाने की अनुमति मिली है। दूसरा यह भी कि धनबाद से टाटा के बीच कई बार इंजन बदलना पड़ता है। पहले पाथरडीह, फिर आद्रा में इंजन बदल कर ट्रेन चलती है। इस बारे में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो का कहना है कि अगर घाटे की बात है तो इस ट्रेन को धनबाद, बोकारो और मूरी होकर जमशेदपुर तक चलाई जाए। समय कम लगेगा और यात्रियों से होने वाली आय भी बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में रेल मंत्री और बोर्ड के अधिकारियों से बात कर ठोस निर्णय लेने को कहा जाएगा।

किसने क्या कहा

पहले यह जानकारी लेंगे कि क्या ट्रेनें वाकई बंद हुई हैं। अगर ऐसा हुआ है तो इस मामले में पत्राचार होगा। रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड चेयरमैन से बात करेंगे। दोनों अत्यंत महत्वपूर्ण ट्रेनें हैं। बंद नहीं होना चाहिए।

पशुपति नाथ सिंह, सांसद

धनबाद

स्वर्णरेखा जमशेदपुर से धनबाद को जोड़ने वाली एकलौती ट्रेन है। अगर रेलवे ने यह निर्णय लिया है तो इस मामले में रेलमंत्री और रेलवे बोर्ड से बात की जाएगी। उस रूट से तकनीकी समस्या है तो धनबाद, बोकारो और मूरी वाले शार्ट रूट से चलाने की अनुमति दी जाए।

विद्युत वरण महतो, सांसद

जमशेदपुर

आश्चर्यजनक है। ऐसा कैसे हो सकता है। झारखंड के रेलवे ट्रैक सिर्फ कोयला और लोहा ढोने के लिए नहीं हैं। यात्रियों के लिए ट्रेन भी चलानी होगी। झारखंड से भेदभाव नहीं होने देंगे। रेलवे अपना निर्णय बदले और ट्रेनों को चलाने का आदेश जारी करे।

बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य मंत्री सह धनबाद के प्रभारी मंत्री

पूर्व मध्य रेल ने 148 ट्रेनों की लिस्ट जारी कर दी है। देवघर-रांची इंटरसिटी के बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा सकता है। धनबाद-टाटा स्वर्णरेखा के स्थायी तौर पर बंद होने का रेलवे बोर्ड से नोटिफिकेशन के बाद ही कहा जा सकेगा।

राजेश कुमार, सीपीआरओ

पूर्व मध्य रेल

देवघर-रांची इंटरसिटी का परिचालन पूर्व रेलवे के अधीन देवघर स्टेशन से है। पर इसका रैक पूर्व मध्य रेल का है। ट्रेन चलेगी या नहीं, संबंधित जोन ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।

एकलव्य चक्रवर्ती, सीपीआरओ

पूर्व रेलवे

Edited By: Atul Singh