फीस बढ़ोतरी के खिलाफ आंदोलन, तीन अंगीभूत कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने शुरू की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल Dhanbad News
BBMKU के अंतर्गत आने वाले तीन अंगीभूत कॉलेजों के बीएड के छात्र-छात्राएं फीस बढ़ोतरी के खिलाफ अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। उनकी मांग है कि बढ़ी हुई फीस वापस ली जाए।
धनबाद, जेएनएन। बीबीएम कोयलांचल विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले तीन अंगीभूत कॉलेजों के बीएड के छात्र-छात्राओं ने आंदोलन की राह पकड़ ली है। मंगलवार को प्रतिकुलपति डॉ. एके महतो के साथ हुई छात्रों की वार्ता विफल होने के बाद दर्जनों छात्र विश्वविद्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। इससे पूर्व दिन भर छात्र-छात्रएं वार्ता व आंदोलन की रणनीति बनाते रहे।
मंगलवार की सुबह लगभग 11 बजे से ही बीएससिटी कॉलेज बोकारो, आरएसपी कॉलेज और एसएसएलएनटी कॉलेज की छात्रएं विश्वविद्यालय परिसर में जुटने लगी थीं। छात्रों ने कुलपति डॉ. अंजनी कुमार श्रीवास्तव को एक ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों पर विचार करने का आग्रह किया था। कुलपति की अनुपस्थिति में प्रति कुलपति एके महतो ने छात्रों से वार्ता की।
इधर छात्रों के एक दल ने उपायुक्त को भी ज्ञापन सौंपकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की। छात्रों का कहना था की मुख्यमंत्री कार्यालय व प्रधान सचिव स्तर से उनके पक्ष में बात की जा रही है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने तानाशाही रवैया अख्तियार कर लिया है। छात्रों की बात नहीं सुनी जा रही है।
छात्रों ने कहा कि बीएड कॉलेज में एडमिशन के लिए झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित परीक्षा के आधार पर उनका चयन हुआ है। काउंसिलिंग के दौरान छात्रों को 90 हजार रुपये फीस के रूप में देने की बात कही गई थी। छात्रों ने बताया कि उनके घर के आसपास प्राइवेट बीएड कॉलेज मौजूद होने के बावजूद उनलोगों ने अंगीभूत कॉलेजों का चयन किया, ताकि उन्हें कम फीस देनी पड़े।
फीस 90 हजार से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये किया : एंट्रेंस परीक्षा देने वाले छात्रों का कहना है की विश्वविद्यालय द्वारा सभी 26 बीएड कॉलेजों की फीस 18 जुलाई को सिंडिकेट में 90 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख 50 हजार रुपये कर दिया गया है। छात्रों के अनुसार उनके कई सहपाठी ऐसे हैं जो बढ़ी हुई फीस देने में असमर्थ हैं। इस संबंध में छात्रों ने कुलाधिपति सह राज्यपाल, मुख्यमंत्री व राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र लिखकर फीस बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की है। बताते चलें कि जुलाई माह में हुए विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की बैठक में फीस बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया था। इसके बाद से ही छात्र आंदोलनरत हैं।
छात्रों को नहीं भाया बीच का रास्ता : आंदोलित छात्रों के साथ लगभग दो घंटे तक चली प्रतिकुलपति की बैठक में बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया गया। प्रति कुलपति ने छात्रों से कहा कि विश्वविद्यालय फीस को घटाकर 1.5 लाख फीस को घटाकर 1.35 लाख रुपये तक कर सकता है। इस पर छात्र प्रतिनिधियों ने आपत्ति जताते हुए एक लाख रुपये से ज्यादा फीस न बढ़ाने की बात कही। वहीं विश्वविद्यालय जनरल छात्रों के लिए 1.35 और एससी-एसटी छात्रों के लिए 1.25 लाख रुपये तक फीस निर्धारित करने की बात कही, लेकिन छात्रों ने इसे नकार दिया।