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सोसाइटी मार्क्स से हर किसी को जज करती... इसलिए JEE Main परीक्षा में असफल छात्र ने की आत्महत्या Dhanbad News

सरायढेला में रहकर पढ़ाई करने वाले बाघमारा के छात्र रोनित सिंह ने जेईई मेन में कम स्कोर आने पर सुसाइड कर लिया। परिजनों का कहना है कि वह पढ़ने में काफी अच्छा था।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 02:12 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 12:16 PM (IST)
सोसाइटी मार्क्स से हर किसी को जज करती... इसलिए JEE Main परीक्षा में असफल छात्र ने की आत्महत्या Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। जेईई मेन की परीक्षा में रिजल्ट खराब होने से आहत रोनित सिंह नामक छात्र ने शनिवार को कुसुम विहार के अपने फ्लैट में फंदे से लटककर खुदकशी कर ली। छात्र ने मम्मी-पापा के नाम एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है जिसमें आत्महत्या का कारण परीक्षा का रिजल्ट खराब होना बताया है। पुलिस मामले में यूडी केस दर्ज कर रही है। 

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बाघमारा निवासी उमेश सिंह का पुत्र रोनित सिंह (21 वर्ष) सरायढेला के कोला कुसमा में उमा अपार्टमेंट में किराये की फ्लैट में रहता था। परिजनों के अनुसार रोनित पढ़ाई में काफी अच्छा था। उसने इस बार जेईई-मेन की परीक्षा दी थी जिसमें उसकी रैकिंग ठीक नहीं थी। शुक्रवार को जब परीक्षा का परिणाम आया और उसमें वह बेहतर स्थान नहीं हासिल कर पाया तो डिप्रेशन में चला गया। शुक्रवार रात खाना खाने के बाद वह सोने के लिए अपने कमरे में गया। सुबह उसके पिता ने करीब आठ बजे जब कमरा खोलने को कहा तो किसी प्रकार की आवाज अंदर से नहीं आई। पिता ने अन्य परिजनों को बुलाकर दरवाजा तोडऩे को कहा। दरवाजा तोड़कर देखा गया तो अंदर रोनित कमरे में एक गमछी के सहारे फंदे से लटक रहा था। परिजन उसे उतारकर तत्काल पीएमसीएच ले गए जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना को लेकर मृतक के परिवार व रिश्तेदारों के बीच मातम का माहौल है। मृतक दो भाई था। वह बड़ा था जबकि छोटा भाई यशू है। 

रोनित का सुसाइड नोट 

मैं फिर से फेल हो गया। मैं और आपलोगों को दुखी नहीं देख सकता। हम हमेशा आपको नीचा ही दिखाए हैं। कभी खुशी नहीं दे सके। एक आखिरी दुख देते जा रहा हूं। हो सके तो माफ कर दिजीएगा। आइ लव यू मम्मी-पापा। ये करना नहीं चाहते पर मेरे से और प्रेशर नहीं झेला जाएगा। यशु, मम्मी-पापा का ख्याल रखना। तुम चाहता था हम मर जाए, पर तुम मेरे लिए बहुत अच्छे भाई थे। लाइफ में कुछ बड़ा करना, हमको मालूम है तुम कर लेगा। बस मम्मी-पापा को मेरी तरह कभी परेशान मत करना। हम लाइफ में बहुत कुछ और कर सकते थे पर सोसाइटी मार्क्स से हर किसी को जज करती है और मेरे से यह पढ़ाई नहीं होती। हम पहले भी सुसाइड करने की कोशिश कर चुके हैं पर आपका चेहरा याद करके रूक जाते थे पर अब नहीं होगा मेरे से। पापा आप हमेशा हमको बोलने को बोलते थे और मेरे को बहुत कुछ होता था। आपको बताने के लिए हर बार जब आपको देखते थे तो गले लगाने का मन करता था। पर कभी कर नहीं पाए। मम्मी, प्लीज आप रोना नहीं ज्यादा और अपना ख्याल रखना। आप तीनों हमेशा खुश रहना। यशू, मम्मी-पापा की बात हमेशा मानना, कभी बात मत काटना उनका। हम रोज रूम के अंदर बंद होकर रोते थे। कोई नहीं था मेरी बात सुनने को। अपना दुख बांटने को। पापा आप हमेशा मेरे से दोस्त बनकर रहना चाहे पर जब भी हम बाहर में दुखी होते थे या रोते थे तो, यही बात आती थी कि तुम लड़का है, रोना नहीं चाहिए और चुप होना होता था। मम्मी-पापा आप दोनों दुनिया में बेस्ट पैरेंट्स हो। आपलोग इतना मेहनत करके हमको पढ़ाए और हर बार फेल हो जाते हैैं। हम जी के बस आपलोगों को बस दुख ही दिए हैैं। मेरा आखिरी इच्छा है। आपलोग तीनों हमेशा खुश रहें। लव यू मम्मी-पापा आई एम सॉरी

जागरण अपील-मार्क्स से प्यारे हो तुम 

रोनित ने तो जेईई मेन में खराब प्रदर्शन पर बिना सोचे अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली लेकिन जिंदगी क्या इतनी सस्ती होती है। उसने यह एक बार भी नहीं सोचा कि अपने माता-पिता और परिवार के लिए वह माक्र्स से बहुत ज्यादा प्यारा है।  क्या समाज का भी यह दायित्व नहीं कि वह सिर्फ अंक के आधार पर किसी का मूल्यांकन ना करें। अनेक ऐसे उदाहरण हैैं जिसमें स्कूली या कॉलेज जीवन में बहुत कम अंक पानेवालों ने भी विश्व स्तर पर अपनी कामयाबी का लोहा मनवाया है। छात्रों को भी सदैव यह याद रखना चाहिए कि किसी परीक्षा में कम अंक आने मात्र से वे दूसरों से कमतर नहीं हो जाते। 


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