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डेंगू का डंकः 75 दिन में 67 बीमार, छह की मौत

बरसात के मौसम में कहर बरपानेवाली डेंगू बीमारी झरिया कोयलांचल में कड़ाके की ठंड में भी लोगों को शिकार बना रहा है। क्या है इसका कारण। विशेषज्ञ इस बात से हतप्रभ हैं।

By mritunjayEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 11:23 AM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 11:23 AM (IST)
डेंगू का डंकः 75 दिन में 67 बीमार, छह की मौत
डेंगू का डंकः 75 दिन में 67 बीमार, छह की मौत

धनबाद, जेएनएन। देश में इस समय कहीं भी डेंगू का भयावह प्रकोप नहीं है लेकिन झरिया कोयलांचल पिछले ढाई महीने से इस जानलेवा बीमारी का कहर झेल रहा है। तमाम सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद झरिया में लगातार इस बीमारी का दायरा फैल रहा है। झरिया के एक मोहल्ले में लगभग ढाई महीने पहले शुरू हुई बीमारी ने अब दायरा बढ़ाते हुए आधा दर्जन मोहल्लों को चपेट में ले लिया है। ढाई माह की अवधि में यहां के 67 लोग तेज बुखार से पीडि़त हो चुके हैं। जांच में इनमें 19 में डेंगू की पुष्टि भी हो गई। और तो और डेंगू की चपेट में आकर ढाई महीने में यहां छह लोगों की मौत होने की भी चर्चा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग तक तीन मौतों की ही सूचना पहुंची है। लेकिन विभाग ने इनमें से किसी को भी डेंगू से हुई मौत नहीं माना। इधर डेंगू से पीडि़त हेटलीबांध के आकाश नामक युवक को बेहतर उपचार के लिए शुक्रवार को ही रांची भेजा गया। 

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बेकाबू बीमारी से स्वास्थ्य विभाग हतप्रभः बरसात के मौसम में कहर बरपानेवाली डेंगू बीमारी झरिया कोयलांचल में कड़ाके की ठंड में भी लोगों को शिकार बना रहा है। क्या है इसका कारण। विशेषज्ञ इस बात से हतप्रभ हैं। इस कारण सबका ध्यान झरिया पर है। देश में इस समय कहीं से भी डेंगू के भयावह प्रकोप की सूचना नहीं आ रही है लेकिन झरिया में पिछले ढाई महीने से इस बीमारी पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है। लगातार नए लोग बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। झरिया में बेकाबू होती डेंगू की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम मुख्यालय रांची से भी झरिया पहुंची। इलाके का सर्वे कर आवश्यक निर्देश दिया गया। कई सुरक्षा प्रबंध किए गए लेकिन बीमारी पर काबू नहीं पाया जा सका। आलम यह है कि बीमारी की रोकथाम के लिए झरिया में स्वास्थ्य विभाग की ओर से रैपिड रिस्पांस टीम को भी तैनात किया गया है लेकिन स्थिति बदल नहीं पा रही है। रोज नए इलाकों में बीमारी फैल रही है और लोग पीडि़त हो रहे हैं। 

धनबाद में इलाज की व्यवस्था नहीं, ज्यादा नुकसानः झरिया में ढाई महीने से डेंगू बेकाबू स्थिति में है लेकिन इसके बावजूद पीडि़तों के इलाज के लिए धनबाद में कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी है। डेंगू से पीडि़त होनेवाले लोगों को जान बचाने के लिए बेहतर इलाज कराने धनबाद से बाहर रांची, पटना या दिल्ली के बड़े अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। वहां इलाज में भारी भरकम राशि खर्च हो जाती है। यहां के डेंगू पीडि़तों को इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है लेकिन वहां चिकित्सा और देखरेख की कोई व्यवस्था ही नहीं है। जांच से लेकर इलाज तक में देरी के कारण भी यहां के कई डेंगू पीडि़तों की स्थिति बिगड़ चुकी है और कुछ की जान तक जा चुकी है। 

स्वास्थ्य विभाग की नजर में बीमारी के बेकाबू होने के तीन बड़े कारण

1. इलाके में नियमित जलापूर्ति नहीं होती। लोग काफी दिनों तक बर्तनों और घर के अंदर बनी टंकियों में पानी जमा रखते हैं। इस कारण इलाके में डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं। 

2. इलाके में डेंगू का प्रकोप होने के बावजूद मच्छरों को मारने के लिए नियमित फॉगिंग नहीं हो रही है। किसी मोहल्ले में बीमारी फैलने पर फॉगिंग होती है। हर तीन दिन पर इलाके में फॉगिंग की आवश्यकता। 

3. बुखार होने पर भी कई लोग जांच को नहीं पहुंचते हैं। स्थानीय स्तर पर दुकान से दवा खरीदकर बीमारी को नियंत्रित करने का प्रयास करते है। स्थिति बिगडऩे पर अस्पताल पहुंचते हैं जिससे भयावह स्थिति बन रही है।इन इलाकों में बीमारी का प्रकोप : छलछलिया धौड़ा, सब्जी पट्टी झरिया, बरारी, शमशेर नगर, हेटलीबांध। 

झरिया में डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं लेकिन नियमित फॉगिंग नहीं होने से स्थिति काबू में नहीं आ पा रही है। लोगों को भी बीमारी से बचने के लिए बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है। 

-रमेश कुमार सिंह, मलेरिया सलाहकार, धनबाद। 

मेडिकेटेड मच्छरदानी से मलेरिया पर काबू पर डेंगू बेकाबूः जिले में पहले टुंडी और तोपचांची प्रखंड में मलेरिया का कहर ठंड के मौसम में होता था। दर्जनों लोगों की जान चली जाती थी लेकिन सरकार ने वहां के मलेरिया प्रभावित इलाकों में हजारों मेडिकेटेड मच्छरदानी बांटी। इससे वहां मलेरिया काबू में है लेकिन झरिया में डेंगू को काबू करने में हर उपाय विफल साबित हो रहा है।  


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