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जानिए काैन है 'सीता', मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार में चल रही मंत्री बनाने की मंत्रणा

सीता सोरेन का सबसे बड़ा परिचय यह है कि वह JMM के अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं। सीता की राजनीतिक महत्वाकांक्षा जगजाहिर है।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 06:55 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 06:55 PM (IST)
जानिए काैन है 'सीता', मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार में चल रही मंत्री बनाने की मंत्रणा
जानिए काैन है 'सीता', मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार में चल रही मंत्री बनाने की मंत्रणा

धनबाद, जेएनएन। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने 29 दिसंबर 2019 को दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सोरेन के साथ कांग्रेस के रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता ने मंत्री पद की शपथ ली। अब सबकी नजरें हेमंत मंत्रिमंडल के विस्तार पर है। मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 निर्धारित है। ऐसे में अब 8 लोगों के ही मंत्री बनने की गुंजाइश हैं। झामुमो और कांग्रेस के विधायक मंत्री पद हासिल करने के लिए लाबिंग कर रहे हैं। इस बीच राजनीतिक हलकों में एक नए नाम की तेजी से चर्चा हो रही है। वह नाम है- सीता सोरेन। क्या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल में सीता सोरेन को स्थान देंगे? 

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काैन है सीता सोरेन ?

सीता सोरेन जामा विधानसभा क्षेत्र से चुन कर झारखंड विधानसभा में पहुंचीं हैं। वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर लगातार तीसरी बार निर्वाचित हुई हैं। सीता झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति में पकड़ रखती हैं, हालांकि चर्चा में नहीं रहती हैं। इनका सबसे बड़ा परिचय यह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन की बड़ी बहू हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं। सीता की राजनीतिक महत्वाकांक्षा जगजाहिर है। 

सीता और हेमंत की राजनीति की किस्मत की कड़ी एक-दूसरे जुड़ी 

सीता सोरेन राजनीति में मजबूरी वश आईं। उनके पति दुर्गा सोरेन एक समय झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावार नेता होते थे। झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति में अपने बड़े बेटे दुर्गा को उत्तराधिकारी के रूप स्थापित करने में लगे थे। इसी बीच 39 वर्ष की उम्र में 21 मई 2009 को दुर्गा सोरेन की मृत्यु हो गई। इसके बाद शिबू सोरेन ने अपने मंझले बेटे हेमंत सोरेन को उत्तराधिकारी के रूप में आगे बढ़ाया। कहा जाता है कि अगर दुर्गा सोरेन जिंदा होते तो आज हेमंत के स्थान पर वे मुख्यमंत्री होते। हेमंत की मृत्यु के बाद ही सीता सोरेन राजनीति में आईं। दुर्गा सोरेन जिस जामा से विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते और जीतते थे वहां की जनता ने सीता को अपना नेतृत्व साैंप दिया। 

झामुमो और सोरेन परिवार में सीता को लेकर मंत्रणा 

हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी के किस-किस विधायक को मंत्री बनाएंगे यह तो वही जाने लेकिन अटकलों का बाजार गर्म है। एक नाम सीता सोरेन का भी है। चर्चा यह है कि हेमंत अपनी भाभी सीता को मंत्री बनाएंगे या नहीं ? सूत्रों के अनुसार झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के परिवार में सीता को मंत्री बनाने के सवाल पर मंत्रणा चल रही हैं। झामुमो में दुर्गा सोरेन से सहानुभूति रखने वाले चाहते हैं कि सीता सोरेन को मंत्री बनाया जाय। 


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