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सर, मुझे आंख की समस्या और मानसिक रोग है : संजीव सिंह

धनबाद : सोमवार को कोर्ट में पेशी के दौरान विधायक संजीव सिंह ने कहा कि वे आंख की सम

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 11:09 PM (IST)
सर, मुझे आंख की समस्या और मानसिक रोग है : संजीव सिंह

धनबाद : सोमवार को कोर्ट में पेशी के दौरान विधायक संजीव सिंह ने कहा कि वे आंख की समस्या से ग्रसित हैं और मानसिक रोगी हैं। बताते चलें कि झरिया विधायक संजीव सिंह पिछले 17 माह से जेल में बंद हैं। इन पर अपने चचेरे भाई पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या कराने का आरोप है। न्यायालय में पेशी होने के बाद न्यायाधीश आलोक कुमार दुबे ने पूछा कि संजीव सिंह कौन है। विधायक ने अपने आप को संजीव सिंह बताया और अपनी समस्या न्यायालय के सामने रखी। इस कोर्ट ने जेल प्रशासन को संजीव सिंह का इलाज कराने और दो दिनों के अंदर रिपोर्ट समर्पित करने का आदेश दिया।

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सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच विधायक संजीव सिंह समेत नीरज हत्याकांड के सभी आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। इस दौरान न्यायालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। विधायक सादे टीशर्ट और फुल पैंट में थे। विधायक संजीव की ओर से अधिवक्ता मोहम्मद जावेद ने कोर्ट को बताया कि विधायक ने अदालत को बंदी आवेदन के माध्यम से बताया है कि उनकी तबीयत नासाज है। जब वह होटवार जेल राची में थे, उस समय भी उनकी तबीयत बिगड़ी थी। इसका इलाज तीन अगस्त 2017 को रिम्स में किया गया था। रिम्स के डॉक्टरों ने उनके ब्रेन का सीटी स्कैन भी कराया था। इस पर न्यायाधीश ने जेल प्रशासन को आदेश दिया कि विधायक संजीव का समुचित इलाज कराया जाए और दो दिनों के अंदर जाच रिपोर्ट अदालत को सौंपी जाए। अदालत ने संजीव को कहा कि अब उनकी पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की जाएगी। यदि उन्हें अपने अधिवक्ता से बात करना होगा तो अधिवक्ता द्वारा आवेदन देने पर अदालत उस पर उनसे बात करने की इजाजत दे सकती है। नहीं हो सका आरोप गठन : नीरज सिंह की हत्याकाड के 17 माह बीत जाने के बाद भी आज तक इस मामले में आरोपियों के विरुद्ध आरोप गठन नहीं किया जा सका। मामला आरोप गठन के लिए निर्धारित था, परंतु शूटर अमन सिंह व विनोद सिंह के डिस्चार्ज आवेदन पर सुनवाई लंबित रह जाने के कारण आरोप गठन नहीं किया जा सका। बताते हैं कि विधायक संजीव एवं डब्लू मिश्रा की ओर से अब तक इस मामले में डिस्चार्ज आवेदन नहीं दायर किया गया है। दूसरी ओर, पिंटू सिंह की ओर से अधिवक्ता जया कुमार ने कोर्ट में आवेदन देकर कहा कि उन्हें डिस्चार्ज आवेदन दाखिल करना है, लिहाजा उन्हें समय दिया जाए।

अमन और विनोद के डिस्चार्ज पर बहस : शूटर अमन सिंह की ओर से अधिवक्ता कुमार मनीष ने अदालत में डिस्चार्ज आवेदन पर बहस करते हुए उसे हत्या के आरोप से मुक्त करने की प्रार्थना की। कोर्ट मे दलील देते हुए अधिवक्ता मनीष ने कहा की इस मामले में कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है। हत्या में प्रयुक्त हथियार भी आज तक बरामद नहीं हुआ, केवल पुलिस के समक्ष स्वीकृति बयान के आधार पर उसे इस मामले में अभियुक्त बनाया गया है। दूसरी ओर विनोद सिंह की ओर से अधिवक्ता सहदेव महतो ने भी पक्ष रखा।

सरेशाम हुई थी हत्या : 21 मार्च 2017 की शाम करीब सात बजे नीरज सिंह अपनी गाड़ी से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। वह ड्राइवर के साथ आगे सीट पर बैठे थे। पीछे की सीट पर उनका सहायक सरायढ़ेला न्यू कॉलोनी निवासी अशोक यादव और दो निजी अंगरक्षक मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की रफ्तार कम होते ही दो बाइक पर सवार कम से कम चार हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर लिया। इसके बाद कार पर गोलियों की बरसात कर दी गई। चारों तरफ से 9 एमएम की पिस्टल और कारबाइन से 50 से अधिक राउंड फाय¨रग की गई। गाड़ी में सवार अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राइवर घलटू महतो और नीरज सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। नीरज के शरीर में तीस गोलिया लगी थी। घटना को अंजाम देने वाले हमलावर गोविन्दपुर की ओर भाग गए थे।


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