ऊर्जा उत्पादन में एमपीएल की मदद करेंगे सिफर विज्ञानी
मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) को ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए केंद्रीय खनन एवं ईधन अनुसंधान संस्थान (सिफर) के विज्ञानी सहयोग करेंगे। इससे ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी होगी जिसका लाभ झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों को होगा।
जेएनएन, धनबाद : मैथन पावर लिमिटेड (एमपीएल) को ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी के लिए केंद्रीय खनन एवं ईधन अनुसंधान संस्थान (सिफर) के विज्ञानी सहयोग करेंगे। इससे ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, जिसका लाभ झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों को होगा। इसके लिए दोनों संस्थानों के बीच मंगलवार को करार हुआ। मौका था सिफर के 75वें स्थापना दिवस समारोह का। कोविड-19 के मद्देनजर प्लैटिनम जुबली समारोह ऑनलाइन आयोजित हुआ, जिसमें केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन भी शरीक हुए।
सिफर निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि संस्थान के विज्ञानियों की टीम मैथन पावर लिमिटेड में ऊर्जा उत्पादन के लिए कोयले की गुणवत्ता का मूल्यांकन करेंगे। समारोह के दौरान केंद्रीय मंत्री ने तीन राष्ट्रीय महत्व की सेवाओं का लोकार्पण किया। कई अन्य शीर्ष इकाईयों के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के अंतर्गत महत्वपूर्ण करारों पर हस्ताक्षर किए गए। डॉ. गौतम बनर्जी, डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह, डॉ. रण विजय कुमार सिंह, डॉ. आशीष मुखर्जी एवं डॉ. बबली प्रसाद समेत सिम्फर के पूर्व निदेशक, अनुसंधान परिषद के सदस्य, सीएसआइआर के सभी 37 प्रयोगशालाओं के निदेशक मौजूद थे। प्रधानमंत्री को विज्ञानी और युवाओं पर सबसे ज्यादा भरोसा : हर्षवर्द्धन
केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान में सिफर के योगदान की चर्चा की। कहा कि प्रधानमंत्री को जिन दो वर्गों पर सबसे ज्यादा भरोसा है, वह हैं विज्ञानी और युवा वर्ग। युवा वर्ग में वह असीम ऊर्जा है जिसे वैज्ञानिक सोच से सही दिशा प्रदान की जाए तो देश को प्रगति के पथ पर ले जाया जा सकता है। उन्होंने अपने वर्ष 2016 के धनबाद दौरे को साझा किया। नीति आयोग के सदस्य डॉ. विजय कुमार सारस्वत ने 5जी, 6जी, क्वांटम कंप्यूटिग, रोबोटिक आइओटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग का विवरण देते हुए भविष्य की तकनीकी उत्कृष्टता को रेखांकित किया। सीएसआइआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने कहा कि जिन तीन फ्यूचरिस्टिक सुविधाएं राष्ट्र को समर्पित की जा रही हैं। इनका राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण सहयोग रहेगा। -------- दो संयंत्र और एक उत्कृष्टता केंद्र की शुरुआत प्रेशराईज्ड फ्लूडाईज्ड बेड गैसीफिकेशन प्रायोगिक संयंत्र
हॉट स्टैम्पिग की सुविधा सहित नॉन रिकवरी कोक संयंत्र
सामरिक एवं आधारिक क्षेत्रों के लिए उत्कृष्टता केंद्र
---- इन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर - डिजिटल माइन यूजिंग के व्यावसायीकरण के लिए मेसर्स नॉलेज लेंस प्रा. लि. बेंगलुरु और मेसर्स कोर्सोनेंट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, सिकंदराबाद के साथ दो लाइसेंसिग करार। - भारतीय भू-खनन स्थितियों के लिए भू-सिथेटिक कंक्रीट सीमेंट मैट (जीसीसीएम) के आवेदन के लिए नवीनतम तकनीकों के विकास के लिए सहयोगात्मक समझौता, ढलान निगरानी प्रणाली का विकास और खनन और अन्य क्षेत्रों में जीसीसीएम सामग्री के कार्यान्वयन की बारी आधारित परियोजनाओं के लिए मेसर्स सैनब्रॉस स्पेर्स प्रा. लिमिटेड के साथ करार - कोल अन्वेषण के लिए भू-भौतिकीय सर्वेक्षण को विद्युत प्रतिरोधकता इमेजिग प्रणाली से संबंधित भू-भौतिकीय अन्वेषण के लिए एमएसएमई को सिफर सुविधाओं के उपयोग की अनुमति के लिए समझौता - सिफर, एनपीजीसीएल और सीसीएल के बीच ऊर्जा उत्पादन के लिए कोयला गुणवत्ता मूल्यांकन का करार।