कल से बदल रहा नियम... अनदेखी की तो एक लाख रुपये तक के जुर्माने के साथ हो सकती है पांच वर्ष तक की कैद
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिसूचित प्लास्टिक अवशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2022 के तहत एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण आयात स्टाकिंग वितरण बिक्री एवं उपयोग प्रतिबंधित हो जाएगा। इसके तहत नगर निगम और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय कार्रवाई करेगा।
जागरण संवाददाता, धनबाद: वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिसूचित प्लास्टिक अवशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2022 के तहत एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, आयात, स्टाकिंग, वितरण, बिक्री एवं उपयोग प्रतिबंधित हो जाएगा। नगर निगम और झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय कल से लगातार अभियान चलाकर नियमों का अनुपालन कराने के साथ और संबंधित पर कार्रवाई करेगा।
गौरतलब है कि फिलहाल पांच हजार रुपये से लेकर 20 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही लगातार नियमों की अनदेखी करने और बार बार जुर्माना देने के बाद भी नियम का पालन न करने पर पांच वर्ष तक की सजा और एक लाख तक का जुर्माना का भी प्रावधान किया गया है।
ईपीए 1986 की धारा 15 (1) के अनुसार जुर्माने का प्रावधान किया गया है। एक अवधि के लिए कारावास पांच साल वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है या जुर्माना एक लाख रुपये और सजा दोनों एक साथ हो सकता है। इसके बाद भी उल्लंघन करने पर हर दिन के लिए पांच हजार रुपये तक जुर्माना हो सकता है।
सिंगल यूज प्लास्टिक में ये चीजें शामिल
प्लास्टिक की छड़ियों के साथ कान की कलियां, गुब्बारों के लिए प्लास्टिक की छड़ें, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की छडे़ं, सजावट के लिए पालीस्टायरीन (थर्मोकोल), भोजन परोसने की प्लेट, कप, गिलास, कटलरी जैसे कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रा, ट्रे, पीवीसी बैनर 100 माइक्रोन से कम शामिल है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के अनुसार रिसाइकिल प्लास्टिक से बने कैरी बैग की मोटाई 75 माइक्रोन से कम नहीं होनी चाहिए। 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन मोटाई के कैरी बैग प्रतिबंधित होंगे।
यह होगा जुर्माना
- दुकान में पहली बार प्लास्टिक मिलने पर 500 रुपये, दूसरी बार एक हजार और तीसरी बार दो हजार रुपये का जुर्माना।
- प्रतिष्ठानों में पहली बार में पांच हजार, दूसरी बार दस हजार और तीसरी बार में 20 हजार रुपये का जुर्माना।
- प्लास्टिक बैग का निर्माण करने वाली कंपनियों पर प्रति टन पहली बार पांच हजार, दूसरी बार दस हजार और तीसरी बार 20 हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से जुर्माना।