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फिल्म बिसाही में गूंजेगी धनबाद की सुनिधि की आवाज

धनबाद की बेटी सुनिधि श्रीवास्तव उर्फ प्राची को बॉलीवुड हिन्दी फिल्म के पा‌र्श्व गायन में कई ऑफर मिले हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Apr 2018 08:46 AM (IST)Updated: Sun, 08 Apr 2018 08:51 AM (IST)
फिल्म बिसाही में गूंजेगी धनबाद की सुनिधि की आवाज

धनबाद: झारखंड के लिए यह गर्व की बात है कि धनबाद की बेटी सुनिधि श्रीवास्तव उर्फ प्राची को बॉलीवुड हिन्दी फिल्म के पा‌र्श्व गायन में कई ऑफर मिले हैं। वह बहुचर्चित ¨हदी फिल्म 'बिसाही' में अपनी मधुर आवाज बिखेरेगी। फिल्म बॉलीवुड के नामी अंतरराष्ट्रीय बैनर क्रिस्टल फिल्म्स और जीडी फिल्म्स के संयुक्त बैनर तले बन रही है। यह वही सिनेमा है, जिसमें झारख्ाड एवं जमशेदपुर में प्रशिक्षण ले रही तीरंदाज दीपिका मुख्य अभिनेत्री की भूमिका में रूपहले पर्दे पर दिखेंगी।

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सुनिधि कार्मल स्कूल धनबाद में नौवीं क्लास में पढ़ती है। बचपन से ही संगीत में रुचि एवं मेहनत की बदौलत उसे यह अनमोल अवसर मिला है। सूर्य विहार कालोनी की रहने वाली सुनिधि की मां सुजाता श्रीवास्तव एवं पिता संतोष श्रीवास्तव ने बताया कि समय, संयोग व झारखंड में बन रहे फिल्म निर्माण के अवसर का देन है कि उनकी बेटी को यह सुअवसर मिला है।

संघर्ष की दास्तां बताते हुए सुनिधि की मां ने कहा कि बेटी को संगीत सिखाने के क्रम में जबलपुर के प्रसिद्ध साहित्यकार ज्ञानरंजन जी की सलाह पर वे जाने माने संगीत निर्देशक मनीष सिन्हा से मुंबई स्थित उनके स्टूडियो में मिलीं। मनीष सिन्हा कई अंतरराष्ट्रीय एवं बॉलीवुड के जाने माने संगीतकारों जैसे- एआर रहमान, नदीम-श्रवण, आनंदराज आनंद, आदेश श्रीवास्तव, बाली ब्रह्मभट्ट के साथ काम कर चुके हैं। उन्हें मूर्धन्य गायकों जैसे- आशा भोसले, सोनू निगम, कुमार शानू, शाहिद माल्या को गवाने का अनुभव है। उन्होंने सुनिधि की आवाज सुनने के बाद खूबी व खामी को परखा। तब उन्होंने पा‌र्श्व गायन व उससे जुड़ी आधुनिकतम तकनीकी के बारे व्यावहारिक शिक्षा के ज्ञान के लिए एकमात्र उपयुक्त शेखर श्रीवास्तव के पास भेजा। शेखर श्रीवास्तव का सानिध्य प्राप्त करने में वरिष्ठ पत्रकार अशोक आशीष का सराहनीय योगदान रहा।

लगभग 35 सालों से संगीत निर्देशन के क्षेत्र में काम करने वाले शेखरजी ने मां ज्ञानवती देवी की अस्वस्थता के बावजूद उन्हीं की प्रेरणा से शुरुआत में ऑनलाइन संगीत शिक्षा देनी शुरू की। पिछले साल मां के देहांत के बाद भी उन्होंने यह क्रम जारी रखा। आज सुनिधि को वह आधुनिक ऑडियो लैब में लगातार सात-आठ घंटे रोज ट्रेनिंग देते हैं। सुनिधि ने बताया कि उसने फिल्म बिसाही के लिए 150 बच्चों में सेलेक्ट हुई। फाइनल में तीन बच्चे थे, जिसमें प्रथम आना जीवन का अनमोल क्षण था।

कई नामी बैनर से जुड़ेगी प्राची: फिल्म बिसाही क्रिस्टल फिल्म्स एवं जीडी फिल्म कंबाइंड के बैनर तले बन रही है। क्रिस्टल फिल्म जिसके कर्ताधर्ता प्रख्यात फिल्म निर्माता सुरेश भगत हैं जिन्होंने फिल्म 'बीबी हो तो ऐसी' में सलमान खान को ब्रेक दिया था। कई सितारों को ब्रेक देने के लिए सुरेश चर्चित हैं। उन्होंने ममता कुलकर्णी, इमरान खान, रुखसार, एडी सेठ को भी ब्रेक दिया है। इस संदर्भ में वीडियो कॉलिंग पर सुरेश भगत ने बताया कि सुनिधि, उसके माता-पिता एवं झारखंड वासियों को बधाई। उनकी एवं शेखर जी की कंपनी आगे भी नए प्रतिभाओं को अवसर देती रहेगी।

जीडी फिल्म कंबाइंड के कर्ताधर्ता शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि सुनिधि की आवाज फिल्म बिसाही के अलावा और कई फिल्मों में आने वाले दिनों में सुनाई देगी। इस फिल्म में संगीत दे रही है शेख-मनीष की जोड़ी। फिल्म का निर्देशन मनीष सिन्हा कर रहे हैं। शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि सुनिधि की आवाज का सैम्पल कई निर्माताओं को भेजा गया है, जहां से ऑफर मिल रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय बैनर ओम शांति फिल्म्स एवं इंटरटेनमेंट के कर्ताधर्ता योगेश मुछाला एवं जतिन मुछाला, जो बॉलीवुड में मुछाला ब्रदर्स के नाम से प्रसिद्ध है, ने अपनी आगामी हिंदी मल्टी स्टारर फिल्म में सुनिधि को गाने की सहमति दी है। इसी क्रम में संगीतकार शेखर-मनीष की जोड़ी ने बताया कि फ‌र्स्ट स्टेप इंटरटेनमेंट कंपनी को सुनिधि की आवाज भेजी गई तो उसने भी सकारात्मक संकेत दी है। प्राची उर्फ सुनिधि की सफलता को लेकर उसके बड़े भाई एवं इनदिनों चर्चित गायक निखिल श्रीवास्तव ने कहा कि जिस प्रोड्यूसर सुरेश भगत ने सलमान खान को ब्रेक दिया है, उनकी फिल्म में प्राची को चांस मिलना न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे झारखंड के लिए गौरव की बात है।

मां का संघर्ष बनी प्रेरणा: सुनिधि की मां सुजाता श्रीवास्तव एक गृहणी हैं। संगीत में उनकी गहरी रुचि थी। लेकिन वक्त की थपेड़ों ने मुकाम पर नहीं पहुंचने दिया। पर मां हारीं नहीं, बेटी में संगीत को पनपने दिया। मध्यमवर्गीय परिवार में संघर्षो में भी मजबूती से दिन रात मेहनत करती हैं। अच्छा-खासा शिक्षिका का करियर बेटी के संगीत के लिए दांव पर लगा दिया। नौकरी छोड़कर भी छोटे आर्थिक दायरे की जमीन पर बेटी को पा‌र्श्व गायन के क्षेत्र में नया व्योम दिया। आवाज का आसमान, संभावनाओं व उम्मीदों की रवायत में संगीत के लिए प्रेरणा बनी। बेटी को पा‌र्श्व गायन तक पहुंचाने में संबल बनी। गंभीर बीमारी के दिनों में भी सुनिधि के लिए प्रेरित किया।


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