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एफसीआइ के बंद रामागुंडम उर्वरक संयंत्र का पुनरुद्धार कार्य पूरा, सिदरी पर है सबकी नजर

सिदरी एफसीआइ के बंद रामागुंडम उर्वरक संयंत्र का पुनरुद्धार कार्य पूरा हो गया है। नवनिर्मित उर्वरक संयंत्र का पहला ट्रायल रन रविवार को सफल रहा। ऑल इंडिया वीएसएस इंप्लाइज एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट आरएसएन राव ने रामागुंडम से बताया कि यहां फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड के रामागुंडम उर्वरक संयंत्र में मार्च महीने में दो और ट्रायल रन होंगे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 02:00 AM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 02:00 AM (IST)
एफसीआइ के बंद रामागुंडम उर्वरक संयंत्र का पुनरुद्धार कार्य पूरा, सिदरी पर है सबकी नजर
एफसीआइ के बंद रामागुंडम उर्वरक संयंत्र का पुनरुद्धार कार्य पूरा, सिदरी पर है सबकी नजर

संस, सिदरी : एफसीआइ के बंद रामागुंडम उर्वरक संयंत्र का पुनरुद्धार कार्य पूरा हो गया है। नवनिर्मित उर्वरक संयंत्र का पहला ट्रायल रन रविवार को सफल रहा। ऑल इंडिया वीएसएस इंप्लाइज एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट आरएसएन राव ने रामागुंडम से बताया कि यहां फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड के रामागुंडम उर्वरक संयंत्र में मार्च महीने में दो और ट्रायल रन होंगे। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो एक अप्रैल को कॉमर्शियल डिक्लेरियशन कर दिया जाएगा। आरएफसीएल प्रबंधन कॉमर्शियल डिक्लेरियशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने की तैयारी में लगा है। कॉमर्शियल डिक्लेरियशन के साथ ही रामागुंडम उर्वरक संयंत्र में यूरिया का व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। रामागुंडम उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार का श्रेय सार्वजनिक क्षेत्र के नेशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड व फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से संयुक्त रुप से गठित रामागुंडम फर्टिलाइजर एंड केमिकल लिमिटेड को जाता है। लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से निर्मित रामागुंडम उर्वरक संयंत्र में प्रतिदिन 22 सौ मीट्रिक टन अमोनिया व 3850 मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा। अब एफसीआइ के सिदरी, गोरखपुर व एचएफसीएल के बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार पर देश की नजर लगी हुई है। नवगठित उर्वरक कंपनी हर्ल सिदरी, बरौनी व गोरखपुर उर्वरक संयंत्रों का निर्माण कर रहा है। हर्ल सिदरी के जीएम हिम्मत सिंह चौहान ने कहा है कि गोरखपुर का उत्पादन जुलाई से सिदरी व बरौनी के उत्पादन नवंबर तक शुरु होने की संभावना है। गोरखपुर, सिदरी व बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार पर लगभग सात हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मालूम हो कि तात्कालीन भारत सरकार की ओर से वर्ष 2002 में बंद एफसीआइ व एचएफसी के बंद सभी उर्वरक संयंत्रों का पुनरुद्धार इस साल के अंत तक होने की संभावना है।

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