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Lockdown का साइड इफेक्ट : पहली अप्रैल से रैक लोडिंग बंद, साइडिंग व कोल डंप पर कोयले का अंबार Dhanbad News

लॉकडाउन का असर कोयला कंपनियों पर भी पड़ने लगा है। बीसीसीएल के अधिकांश साइडिंग पर कोयले की ढेर लगी है। वजह रैक लोडिंग न होना।

By Sagar SinghEdited By: Published: Sat, 04 Apr 2020 10:34 PM (IST)Updated: Sat, 04 Apr 2020 10:34 PM (IST)
Lockdown का साइड इफेक्ट : पहली अप्रैल से रैक लोडिंग बंद, साइडिंग व कोल डंप पर कोयले का अंबार Dhanbad News
Lockdown का साइड इफेक्ट : पहली अप्रैल से रैक लोडिंग बंद, साइडिंग व कोल डंप पर कोयले का अंबार Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन का असर कोयला कंपनियों पर भी पड़ने लगा है। बीसीसीएल के अधिकांश साइडिंग पर कोयले की ढेर लगी है। वजह रैक लोडिंग न होना। इक्का-दुक्का रैक को छोड़ दें तो सभी साइडिंग पर सन्नाटा पसरा है। सीके साइडिंग, बीएनआर, एनटी-एसटी इत्यादि पर 31 मार्च को ही आखिरी बार रैक लोडिंग की गई थी। पहली अप्रैल से यहां से लोडिंग पूरी तरह ठप है। हालांकि लोडिंग प्वाइंट से कोयला ढाेया जा रहा था। साइडिंग पर कोयले के अंबार को देखते हुए अब उसे भी रोका जा रहा है।

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डीवीसी नहीं कर रहा अनलोडिंग : यह स्थिति डीवीसी के पावर प्लांटों में कोयले का अनलोडिंग नहीं होने की वजह से है। अधिकांश जगह मजदूरों का टोटा पड़ गया है। बिजली की जरूरतें घटने से उत्पादन भी घटा है। लिहाजा कोयले की अधिक जरूरत नहीं है। कई प्लांटों में कोयले का स्टॉक भरा पड़ा है। ऐसे में रैक को काफी देर खड़ा रहना पड़ता है। एक रैक आठ घंटे से अधिक किसी साइडिंग में रहे तो रेलवे पेनाल्टी लगाती है। लिहाजा कोयले की मांग होने तक उसका डिस्पैच नहीं किया जा रहा। अंतर यह है कि जहां पहले एक दिन में बीसीसीएल एक दिन में 22 रैक कोयला लोड कर भेजती थी वहीं गुरुवार को यह घटकर छः रैक तक ही पहुंच पाई है। अन्य दिनों में कंपनी जहां एक लाख टन के आसपास डिस्पैच करती थी अब घटकर 20-25 हजार टन तक रह गया है।

रोड सेल भी बंद : न सिर्फ साइडिंग बल्कि कोयले के लोडिंग प्वाइंट पर भी कोयले का अंबार लगा है। वजह यह कि कोरोना वायरस के कारण घोषित लॉक डाउन में रोड सेल पूरी तरह ठप है। दूसरी तरफ उत्पादन निर्बाध गति से जारी है। लिहाजा कोयला उत्पादन कर लोडिंग प्वाइंट के करीब रखने से उनके बड़े-बड़े ढेर लग गए हैं। धनसार, बस्ताकोला जैसे इलाकों में कोयले के ढेरों को कोयला चोरों से बचाने के लिए सीआइएसएफ के जवानों को तैनात किया गया है।


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