Surat-Dhanbad Special Train: जाना था बिहार पहुंच गए झारखंड, अब धनबाद में फंसे जमुई के 7 मजदूर
सूरत-धनबाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार तड़के साढ़े चार बजे धनबाद रेलवे स्टेशन पहुंची। 1233 प्रवासी मजदूरों में 7 ऐसे थे जिन्हें बिहार के जमुई जाना था।
धनबाद, जेएनएन। 25 मार्च से लॉकडाउन के कारण सूरत में फंसे तूफान सिंह और प्रताप सिंह 4 अप्रैल की रात सूरत-धनबाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुए तो खुशी का ठिकाना नहीं था। सोचा कि दो दिन बाद घर पहुंच जाएंगे। लेकिन 1775 किलोमीटर का सफर करने के बाद खुशी काफूर हो गई है। नई तरह की समस्या आन पड़ी है। सूरत से धनबाद आकर फंस गए हैं। क्योंकि बिहार के बदले झारखंड पहुंच गए हैं। अब बिहार के जमुई जाने के लिए धनबाद जिला प्रशासन की चिराैरी कर रहे हैं।
सूरत-धनबाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन बुधवार तड़के साढ़े चार बजे धनबाद रेलवे स्टेशन पहुंची। 1233 प्रवासी मजदूरों में 7 ऐसे थे जिन्हें बिहार के जमुई जाना था। सही जानकारी के अभाव में झारखंड के धनबाद पहुंचे। इन्हें बिहार के जमुई जाना है। ऐसे में इनकी उम्मीद धनबाद जिला प्रशासन से लगी हुई है। इनके पास इतने पैसे भी नहीं कि निजी वाहन से अपने घर जा सके। जमुई निवासी तूफान सिंह और प्रताप सिंह ने बताया कि वे लोग सूरत में झारखंड के कुछ युवकों के साथ रहा करते थे। जब वापसी की बात हुई तो स्थानीय प्रमुख राजेश वर्मा उनका टिकट करा कर दे दिया। यह बताया गया कि ट्रेन बिहार होकर ही धनबाद जाएगी। बीच रास्ते में उन्हें गया में उतार दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ट्रेन सीधे धनबाद आकर रुकी।
धनबाद स्टेशन पहुंचने पर सातों युवकों को स्टेशन से लाकर धनबाद के गोल्फ मैदान में रखा गया है। युवकों ने बताया कि वह सभी सूरत के एक कपड़ा मिल में काम करते थे। लॉकडाउन के पहले कंपनी से मिली पगार 40 दिनों में खर्च हो गई। उनके पास वापसी के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। झारखंड के साथी मजदूरों ने ही उनकी मदद की और वे धनबाद पहुंचे हैं। यहां से जमुई जाने के लिए भी उनके पास ना तो कोई साधन है और ना ही इतने पैसे हैं कि वह निजी वाहन से घर जा सके। ऐसे में इन युवकों ने धनबाद जिला प्रशासन से जमुई तक भेजे जाने की व्यवस्था करने की मांग की है।