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जर्जर हॉस्टल को 24 घंटे में खाली करने का सचिव ने दिया आदेश, भड़के प्रबंधन पर Dhanbad News

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव केके सोन एसएनएमएमसीएच के जर्जर हॉस्टल को देखकर अस्पताल प्रबंधन और भवन प्रमंडल विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने 24 घंटे में हॉस्टल में रह रहे डॉक्टरों को भवन खाली करने का निर्देश दिया।

By Atul SinghEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 05:08 PM (IST)
जर्जर हॉस्टल को 24 घंटे में खाली करने का सचिव ने दिया आदेश, भड़के प्रबंधन पर Dhanbad News
जर्जर हॉस्टल को देखकर अस्पताल प्रबंधन और भवन प्रमंडल विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। (जागरण)

धनबाद, जेएनएन: स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव केके सोन एसएनएमएमसीएच के जर्जर हॉस्टल को देखकर अस्पताल प्रबंधन और भवन प्रमंडल विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने 24 घंटे में हॉस्टल में रह रहे डॉक्टरों को भवन खाली करने का निर्देश दिया।

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साथ ही किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना होने पर अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा जब भवन को कंडम घोषित किया गया है, तो इसमें रहने की अनुमति प्रबंधन कैसे दे सकता है। प्रबंधन ने कहा कि सर अनुमति नहीं दी गई है, लोग जबरन रहे हैं।

इस दौरान हॉस्टल में रह रहे डॉक्टरों को बुलाया गया। बताया कि यहां लगभग 40 लोग रह रहे हैं। इससे सचिव और भड़क गए। सचिव केके सोन गुरुवार को धनबाद में स्वास्थ्य सेवा का नब्ज टटोलने सदर अस्पताल और एसएनएमएमसीएच का निरीक्षण कर रहे थे।

उनके साथ उपायुक्त उमाशंकर सिंह, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर चंदन कुमार, एसडीओ सुरेंद्र कुमार, प्राचार्य डॉ शैलेंद्र कुमार, अधीक्षक डॉ अरुण कुमार चौधरी, सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास भी मौजूद थे। इससे पहले सुबह 8:30 बजे सचिव परिसदन पहुंचे। सुबह 8:50 पर निरीक्षण करने व सदर अस्पताल पहुंचे। 9:30 बजे हुआ ऐसे में एसएनएमएमसीएच निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। निरीक्षण के बाद परिसदन में सभी जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों को बुलाया गया है। यहां मीटिंग की जा रही है। इसके बाद देर शाम रांची के लिए प्रस्थान कर जाएंगे।

 

संवेदना के साथ मरीजों का करें इलाज, धनबाद में बेहतर होगी सेवा

सचिव ने कहा सरकारी अस्पताल में गरीब और दूरदराज के लोग आते हैं। ऐसे में जरूरी है कि डॉक्टर संवेदना के साथ ऐसे मरीजों का इलाज करें। जो भी व्यक्ति आए उसका बेहतर इलाज करने की कोशिश करें। साथ ही उस से बेहतर व्यवहार बनाए। मरीज को किसी भी प्रकार से परेशानी ना हो इसका विशेष ख्याल रखें। डॉक्टरों को भी मूलभूत सुविधाएं मिले इसका सरकार पूरी कोशिश कर रही है। लेकिन हम सबकी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से होनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों की बेहतरी के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। धनबाद में भी जो समस्याएं हैं उसे दूर करने के लिए ही हम सभी आए हैं ताकि यहां के मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिल पाए। इसके लिए जिला प्रशासन भी लगातार कोशिश कर रहा है।

रजिस्ट्रेशन काउंटर पहुंचे सचिव, कहा 3 दिनों का दिखाइए लिस्ट

इसमें सचिव इस इन एमएमसीएच के ओपीडी पहुंचे। यहां से सीधे रजिस्ट्रेशन काउंटर पर जाकर खड़े हो गए। यह पर्ची काट रहे कर्मचारियों से 3 दिनों में आए मरीजों की संख्या, आयुष्मान मरीजों की संख्या प्रधानमंत्री बीमारी उपचार योजना के मरीजों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी। इस पर कर्मचारी कुछ नहीं बता पाए। पीछे से भागे भागे सभी स्वास्थ्य पदाधिकारी भी पहुंचे। सचिव ने कहा कि रजिस्ट्रेशन काउंटर में नई व्यवस्था बनाई जाए जिसके तहत यहां गोल्डन कार्ड धारियों की संख्या भी दर्ज हो, ताकि यह पता चल पाए कि सरकारी अस्पताल से कितने मरीज लौटकर निजी अस्पताल जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे गोल्डन कार्ड का लाभ भी सरकारी अस्पताल में मिलता है। इससे एक ओर मरीजों को राहत मिलेगी, तो दूसरी ओर अस्पतालों को बीमा की राशि मिल पाएगी, जिससे अस्पताल छोटे-मोटे खर्च को इससे कर पाएगा। उन्होंने इस व्यवस्था को बना कर तुरंत सूचित करने को कहा है। उन्होंने अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोलने का निर्देश दिया।

 बर्न यूनिट देख कर नाराज कहा, यहां मरीजों को बेडशीट नहीं मिलते हैं क्या

सचिव अस्पताल के निचले तल में स्थित बर्न वार्ड निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पर पानी निकासी की व्यवस्था व्यवस्था नहीं होने पर नाराजगी जताई पूछा साफ सफाई पर कितने खर्च होते हैं। अधीक्षक ने बताया सर 12 लाख प्रतिमाह रुपए तक खर्च होते हैं। अंदर में मरीजों को जाकर बातचीत की। वार्ड में मरीजों के गद्दे पर बेडशीट नहीं थे। इससे उन्हें काफी नाराजगी जताई और कहा यहां मरीजों को बेडशीट नहीं दिया जाता है क्या। अस्पताल के डॉक्टरों को निर्देश दिया। 

सचिव ने कहा कैंटीन दिखाइए, हालत देखकर खफा

निरीक्षण के दौरान सचिव ने मेडिकल कॉलेज में कैंटीन के बारे में पूछा। कहा कि बिना कैंटीन देखें मैं नहीं जाऊंगा कोई भी कैंटीन को दिखाइए। जहां खाना बन रहा है। इसके बाद सचिव उपायुक्त के साथ कैंटीन देखने मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में गए। यहां कैंटीन की हालत को देखकर काफी नाराज हो गए। उन्होंने व्यवस्था को तुरंत सुधारने का निर्देश दिया। कैंटीन में पुराने बर्तन देखकर काफी नाराज रहे।

ब्लड बैंक में किया निरीक्षण, एंबुलेंस की मांग

इससे पहले सचिव ने इमरजेंसी आईसीयू ऑपरेशन थिएटर का निरीक्षण किया और डॉक्टरों को आवश्यक निर्देश दिया। इसके बाद ब्लड बैंक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद ब्लड बैंक के डॉक्टरों ने बताया कि उनके यहां एंबुलेंस की आवश्यकता है इससे उन्हें काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस पर सचिव ने उन्हें उपलब्ध कराने को कहा। इसके बाद वह पीपीपी मोड पर संचालित रेडियोलोजी केंद्र को देखा।

सदर अस्पताल में जल्द तमाम सुविधाएं

सचिव ने कहा कि सदर अस्पताल को विकसित करने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है। यहां सभी प्रकार के सुपर स्पेशलिस्ट सुविधाएं मिल पाएंगे। सदर अस्पताल में सभी तरह की सुविधाएं शुरू होने के बाद मेडिकल कॉलेज पर बोझ भी कम हो जाएगा। दूसरी ओर धनबाद के नागरिकों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा भी मिल पाएगी। इसके लिए जल्द ही बहाली भी होने वाली है।


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