फीस के लिए छात्र को बंधक बनाकर कराया अमानवीय कार्य, संचालिका गिरफ्तार Dhanbad News
12 वर्षीय छात्र से बाथरूम व क्लास रूम साफ करवाया जाता था। लिखित शिकायत मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले में हस्तक्षेप कर छात्र को मुक्त कराया।
धनबाद, जेएनएन। शहर के बापूनगर स्थित एक आवासीय विद्यालय में प्रबंधन द्वारा फीस के लिए कक्षा पांच में पढ़ने वाले एक छात्र को तीन दिन तक बंधक बनाकर अमानवीय कार्य कार्य कराया गया। स्कूल और स्कूल के शौचालय की सफाई कराई गई। बच्चे की पिटाई भी की जाती रही। शिकायत के बाद पुलिस ने छात्र को मुक्त कराते हुए स्कूल संचालिका रंभा शास्त्री को गिरफ्तार किया है। जबिक संचालक रामचंद्र शास्त्री फरार हो गए हैं।
छात्र को बंधक बनाने का मामला सरायढेला थाना अंतर्गत कार्मिक नगर के बापूनगर स्थित आवासीय सरस्वती विद्या मंदिर का है। स्कूल में कक्षा पांचवी में पढऩे वाला 12 वर्षीय छात्र सुढु कुमार का फीस जमा नहीं हो पाया था। स्कूल प्रबंधन ने अभिभावक को फीस जमा करने को कहा लेकिन आर्थिक तंगी के कारण छात्र के पिता केंदुआडीही निवासी अशोक राम फिस देने में असमर्थ जाहिर किये। दुर्गा पूजा कि अवकाश में पिता जब बच्चे को लेने स्कूल पहुंचे तो स्कूल प्रबंधन ने बच्चे को वापस भेजे जाने से मना कर दिया। कहा गया कि जब तक फीस जमा नहीं होगी तब तक बच्चा स्कूल में ही रहेगा। बेबस पिता बच्चे को स्कूल में ही छोड़कर चले गए। इस बीच स्कूल के सभी बच्चे दुर्गा पूजा की छुट्टी होने के कारण जा चुके थे। स्कूल प्रबंधन ने छात्र से स्कूल को कामकाज करना शुरू कर दिया। मौका पाकर पीडि़त छात्र ने अपने पिता को फोन कर मामले की जानकारी दी। इसके बाद पिता अशोक राम फिर स्कूल पहुंचे और स्कूल प्रबंधन से अपने पुत्र को ले जाने का आग्रह किया। स्कूल प्रबंधन ने फिर से बच्चे को न ले जाने की बात कही और कहा कि बिना फीस दिए बच्चा स्कूल से नहीं जा सकता। थक हार कर पिता ने पुलिस का सहारा लिया और घटना की लिखित शिकायत थाने में की।
अपने लिखित शिकायत में उन्होंने बताया कि आरोपित स्कूल संचालक रामचंद्र शास्त्री ने उसके पुत्र को जबरन कर कैद कर रखा है। दुर्गा पूजा के अवसर पर सभी बच्चों की छुट्टी दे दी गई लेकिन उसके बच्चे को स्कूल में ही रखा गया है। पुलिस को दिए लिखित शिकायत के अनुसार 12 वर्षीय छात्र से बाथरूम व क्लास रूम साफ करवाया जाता था। लिखित शिकायत मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और मामले में हस्तक्षेप कर छात्र को मुक्त कराया। फिलहाल छात्र अपने पिता के साथ अपने घर भेज दिया गया।
पिछले डेढ़ वर्ष से पढ़ रहा था स्कूल मेंः पीडि़त छात्र सुढु कुमार का नामांकन वर्ष 2018 में क्लास 4 में करवाया गया था। उसका बड़ा भाई भी उसी स्कूल से पढ़ चुका है और फिलहाल नवोदय का छात्र है। पिता अशोक राम के अनुसार बड़ा भाई 6 वर्षों तक उस स्कूल में पढ़ा था लेकिन ऐसी घटना कभी नहीं हुई थी। मामले की जानकारी के बाद स्कूल के अन्य अभिभावक भी सकते में हैं।
स्कूल प्रबंधन ने आरोप को बताया निराधारः स्कूल प्रबंधन ने मामले को निराधार बताते हुए कहा की बच्चा उनके आवासीय विद्यालय का छात्र है। बच्चे की स्कूल फीस लगभग 14 हजार रुपये हो गए थे। स्कूल के अन्य कर्मियों को दुर्गा पूजा के अवसर पर वेतन देने के लिए अभिभावक से फीस जमा करने का आग्रह किया गया था। किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला गया था। अभिभावक किसी के बहकावे में आकर स्कूल प्रबंधन पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं।
- रामचंद्र शास्त्री, संचालक, आवासीय सरस्वती विद्या मंदिर