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अब तक 33 फीसद छात्र ही जुड़े डिजिटल शिक्षा से, बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों को किया जाएगा जागरूक Dhanbad News

शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से विभिन्न माध्यम से सीधा संवाद निरंतर आयोजन का निर्णय लिया है। निरंतर वेबीनार के माध्यम से कोविड-19 प्रोटोकॉल व्यवहार एवं अभ्यास किताबें व कार्य पुस्तिका वितरण में सहयोग तथा मॉनिटरिंग मध्याहन भोजन में सहयोग पर चर्चा की जाएगी।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 14 Jun 2021 12:56 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jun 2021 12:56 PM (IST)
ऑनलाइन शिक्षा में बच्चे नहीं ले रही रूचि ( प्रतीकात्मक फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। कोरोना वायरस के कारण सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं की पढ़ाई डिजिटल तथा अन्य माध्यमों से हो रही है। उसके बाद भी जिले सहित राज्य मैं लगभग 30 से 33 फ़ीसदी बच्चों को ही ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से जोड़ा जा सका है। स्पष्ट है कि ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को पठन-पाठन में जोड़ना अति आवश्यक हो गया है। इस कारण वर्तमान समय में विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) समुदाय तथा माता-पिता को जागरूक कर उनकी सहायता से शिक्षण कार्य पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से विभिन्न माध्यम से सीधा संवाद निरंतर आयोजन का निर्णय लिया है। निरंतर वेबीनार के माध्यम से कोविड-19 प्रोटोकॉल व्यवहार एवं अभ्यास, किताबें व कार्य पुस्तिका वितरण में सहयोग तथा मॉनिटरिंग, मध्याहन भोजन में सहयोग पर चर्चा की जाएगी। उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के जिलों के लिए 18 जून को वेबीनार का आयोजन होगा। इनमें 10,786 एसएमसी के सदस्य शामिल होंगे। महत्वपूर्ण यह है कि ऑफलाइन शिक्षण के लिए स्वयं सेवकों की पहचान करना एवं पठन-पाठन की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। प्रत्येक बच्चे तक ऑनलाइन या ऑफलाइन शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाएगा। इनमें बच्चों को डिस्टल सामग्री प्रदान करने का कार्य, पुस्तिका में बच्चों का अभ्यास शुरू कराने, बच्चों के स्वाध्याय के लिए माता-पिता द्वारा निश्चित समय निर्धारित करना है। तथा स्व अध्ययन के लिए प्रेरित करना शामिल है। इसके अलावा बच्चों के माता-पिता को लगातार जागरूक करने का प्रयास निरंतर के माध्यम से किया जाएगा।

बच्चे पढ़ाई में दिलचस्पी क्यों नहीं ले रहे हैं उन्हें कहां पर किस तरह की परेशानी आ रही है। इन सब समस्याओं का भी निदान किया जाएगा। निरंतर का मुख्य उद्देश्य है। बच्चों को ऑनलाइन या ऑफलाइन के माध्यम से पढ़ाई से जोड़ना।


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