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रेलवे के स्कूल व रनिंग रूम बनेंगे नगर निगम के लिए ट्रेनिंग व प्रोडक्शन सेंटर

स्टीचिंग इम्ब्रायड्री वगैरह का ट्रेनिंग ले चुकी नगर निगम की महिला स्वयं सहायता समूह अब प्रोडक्शन के लिए भी तैयार हैं। ऐसे में अब निगम को ट्रेनिंग सेंटर की आवश्यकता होगी।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 09:42 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 10:41 AM (IST)
रेलवे के स्कूल व रनिंग रूम बनेंगे नगर निगम के लिए ट्रेनिंग व प्रोडक्शन सेंटर
रेलवे के स्कूल व रनिंग रूम बनेंगे नगर निगम के लिए ट्रेनिंग व प्रोडक्शन सेंटर

जागरण संवाददाता, धनबाद: स्टीचिंग, इम्ब्रायड्री वगैरह का ट्रेनिंग ले चुकी नगर निगम की महिला स्वयं सहायता समूह अब प्रोडक्शन के लिए भी तैयार हैं। ऐसे में अब निगम को ट्रेनिंग सेंटर कम प्रोडक्शन सेंटर की आवश्यकता होगी।

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इसके लिए निगम ने रेलवे से पुराने भवन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था, जिस पर मंजूरी की मुहर लग गई है। रेलवे ने धनबाद, पाथरडीह और कतरास में छह पुराने भवनों को निगम के हवाले करने का निर्णय लिया है। इनमें बंद पड़े रेलवे के स्कूल, बंग्ला और रनिंग रूम शामिल हैं। इन भवनों को निगम के हवाले करने से पूर्व रेलवे और निगम के बीच करार होगा। सारी प्रक्रियाएं चुनाव बाद पूरी होगी।

छह जनवरी को मेयर-डीआरएम की बैठक में हुई थी प्लानिंग: बीते छह जनवरी को मेयर के साथ डीआरएम की बैठक में इसकी प्लानिंग हुई थी। उस दौरान मेयर ने पुराने भवनों को उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। उनकी गुजारिश पर रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग ने सर्वे कराया और उस आधार पर छह अलग-अलग स्थानों पर बेकार पड़े भवनों का चयन किया गया।

रेलवे के इन भवनों में संचालित होंगे ट्रेनिंग सेंटर

- रांगाटांड़ मटकुरिया रेलवे कॉलोनी का एटीपी स्कूल

- रेलवे क्लब के सामने रेलवे का 47 नंबर बंग्ला

- रेलवे इंस्टीट्यूट कॉलोनी में विवेकानंद इंस्टीट्यूट से सटा शेड

- रेलवे का एटीपी स्कूल, कतरासगढ़

- पाथरडीह पुराने पेट्रोल पंप के सामने का पुराना रनिंग रूम

- पाथरडीह ब्लॉक नंबर -48 का पुराना रेलवे एमपी स्कूल

इन शर्तों पर दिया जाएगा भवन

- सभी भवनों का मालिकाना हक रेलवे का होगा।

- आवश्यकता पडऩे पर रेलवे इन भवनों को खाली भी करा सकती है।

- जर्जर भवनों की मरम्मत निगम को अपने फंड से कराना होगा।

- बिजली बिल और जलापूर्ति राज्य सरकार के नियम अनुसार जमा करने की अनुमति दी जाएगी।

- किसी प्रकार के लाभ या वाणिज्यिक गतिविधियों के लिए भवनों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जाएगी।

''महिला स्वयं सहायता समूह के लिए रेलवे के पुराने भवनों का उपयोग होगा। भवन मिलते ही आगे की प्रक्रिया शुरू होगी। उपलब्ध भवनों को ट्रेनिंग सेंटर के साथ-साथ प्रोडक्शन सेंटर भी बनाया जाएगा।''

- चंद्रशेखर अग्रवाल, मेयर


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