Roopa Tirkey Suicide Case: तीन महीने बाद भी नहीं सुलझी गुत्थी, अब कमरे में तलाशी जा रही साक्ष्य
साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की का शव तीन मई की शाम सरकारी आवास में फंदे से लटकता मिला था। स्वजनों के हत्या की आशंका जता सीबीआइ जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री ने मामले की न्यायिक जांच की अनुशंसा की। सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश वीके गुप्ता जांच कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। तीन महीने बाद भी साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की आत्महत्या की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। स्वजन आत्महत्या मामले को तैयार नहीं हैं और अब तक पुलिस को जांच में हत्या के साक्ष्य नहीं मिले हैं। साक्ष्य एकत्र करने के लिए रूपा के कमरे की फारेंसिक एक्सपर्ट टीम ने एक बार फिर से जांच की है। रांची से आए फारेंसिक एक्सपर्ट ने बुधवार को साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की के कमरे की जांच की। टीम ने कमरे की लंबाई-चौड़ाई नापी। चारों ओर से फ्लैट देखा। छत पर भी टीम गई। रूपा तिर्की मौत मामले की सीबीआइ जांच की मांग उसके स्वजन कर रहे हैं। उनके साथ एसडीपीओ राजेंद्र दुबे, जिरवाबाड़ी ओपी प्रभारी सुनील कुमार भी थे।
एक सदस्यीय जांच आयोग का बढ़ चुका है कार्यकाल
रूपा तिर्की की मौत की जांच कर रहे झारखंड के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश वीके गुप्ता ने उपायुक्त को पत्र भेज 26 जुलाई को साहिबगंज दौरे के दौरान बयान दर्ज करानेवालों के बयान की लिखित कापी शपथ पत्र के साथ भेजने का निर्देश दिया है। उपायुक्त ने बयान देने वालों को शपथ पत्र के साथ कापी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। ताकि आयोग को भेजा जा सके।
3 मई को रूपा ने की थी आत्महत्या
मालूम हो कि रूपा तिर्की का शव तीन मई की शाम कमरे में फंदे से लटकता मिला था। स्वजनों के हत्या की आशंका जता सीबीआइ जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री ने मामले की न्यायिक जांच की अनुशंसा की थी। सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश वीके गुप्ता जांच कर रहे हैं। 26 जुलाई को साहिबगंज परिसदन में संबंधित लोगों का बयान लिया था। 20 जुलाई तक आमलोगों से भी सूचना देने का अनुरोध किया था। हालांकि निर्धारित समय में किसी ने कोई सूचना आयोग को नहीं दी। तब आयोग ने इसके लिए पुन: तिथि निर्धारित करने की बात कही थी। इस मामले में पुलिस रूपा के दोस्त सब इंस्पेक्टर शिव कुमार कनाैजिया को जेल भेज चुकी है।