झमाडा को नहीं पता कहां-कहां बिछाई गई पाइप लाइन
धनबाद बिना बिजली केवल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के उपयोग द्वारा तोपचांची झील से 42 किलोमीटर दूर तक भूमिगत पानी सप्लाई की व्यवस्था से संबंधित सारे दस्तावेज माडा (अब झमाडा) के पास नहीं हैं।
धनबाद : बिना बिजली, केवल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के उपयोग द्वारा तोपचांची झील से 42 किलोमीटर दूर तक भूमिगत पानी सप्लाई की व्यवस्था से संबंधित सारे दस्तावेज माडा (अब झमाडा) के पास नहीं हैं। अंग्रेजी शासन काल 1924 में स्थापित इस व्यवस्था के तहत कहां-कहां पाइप लाइन बिछाई गई, इसकी भी जानकारी झमाडा को नहीं है। यह खुलासा सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दिए आवेदन के अलोक में मिले जवाब से हुआ है।
आवेदन के तहत यह जवाब मांगा गया था कि तोपचांची झील से झरिया तक जो जलापूर्ति होती है, इसके तहत स्थानीय प्रखंड के कितने गांव और क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाई गई। साथ ही यह भी पूछा गया था कि किन गांवों को इस जलापूर्ति योजना के तहत लाभ मिलता है। सवाल यह भी था कि 1962 में पाइप लाइन बिछाने के लिए जमीन अधिग्रहण किया गया। उन रैयतों और लाभुकों के बावत सूचना मांगी गई। इन सवालों पर झमाडा ने सीधे तौर पर बताया कि कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है। मामले को पुराना बताते हुए कहा गया कि इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। दस्तावेजों को खोजने का काम किया जा रहा है।
150 दिनों के बाद दिया जवाब : सूचना का अधिकार आवेदन पर 150 दिनों के बाद जवाब दिया गया। प्रावधान के अनुसार आवेदन प्राप्त होने की तिथि से 30 दिनों के अंदर जवाब देना होता है।
---
झमाडा का रिकार्ड रूम कोई खास नहीं रहा है। 1924 और 1962 के दस्तावेज हैं, सड़-गल गए होंगे। कर्मचारी खोजने से बचने के लिए भी नहीं मिलने की बात कह देते हैं। तब से लेकर किसके प्रभार में रिकार्ड रहे हैं, इसकी जानकारी ली जाएगी। साथ ही दस्तावेजों को खोजने का प्रयास किया जाएगा।
- इंद्रेश शुक्ला, तकनीकी सदस्य, झमाडा