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Mohan Bhagwat: तालिबान पर आरएसएस प्रमुख बोले-खत्म नहीं होगा खतरा, दुनिया निपटने का तरीका ढूंढें

Mohan Bhagwat राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अफगानिस्तान संकट और तालिबन को लेकर दुनिया को सचेत किया है। उन्होंने कहा-इस तरह का खतरा खत्म नहीं होगा। इससे निपटने तरीका दुनिया को ढूंढना होगा। उससे जूझने का जज्बा हमें स्वयं में विकसित करना होगा।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 04:54 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 07:27 AM (IST)
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और तालिबानी लड़ाके ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (RSS Chief) मोहन मधुकर भागवत ने अफगानिस्तान संकट के बाद दुनिया को तालिबान जैसे खतरों से सचेत किया है। उन्होंने कहा है-दुनिया से खतरों को खत्म नहीं किया जा सकता है। उससे जूझने का जज्बा हमें स्वयं में विकसित करना होगा। वे रविवार को धनबाद में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के संदर्भ में स्वयंसेवकों और प्रबुद्धजनों के सवाल का जवाब दे रहे थे। साफ कहा कि दुनिया को खतरों से निपटने के लिए तरीका ढूंढना होगा।

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कहानी सुना तालिबान जैसे खतरों से निपटने के लिए किया प्रेरित

आरएसएस झारखंड प्रांत के तीन दिवसीय कार्यकर्ता बैठक के अंतिम दिन धनबाद के राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में भागवत ने प्रबुद्धजनों से बात की। तालिबान संकट से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए निपटने के लिए एक कहानी सुनाई। कहा-एक राजा था। वह जंगल में शिकार करने गया तो उसे पैर में कांटा चुभ गया। इससे राजा कुपित हुआ और उसने सभी कांटो को समाप्त करने का निर्देश दिया। धड़ाधड़ कांटो के पेड़ काटे जाने लगे। लेकिन अगले वर्ष जब राजा फिर शिकार पर निकला तो उसे फिर से कांटे चुभ गए। तब उसके एक सहायक ने उसे बताया कि कांटे कभी खत्म नहीं होंगे। वह एक तरफ काटे जाएंगे तो दूसरी तरफ उगते जाएंगे। इसलिए कुछ और उपाय अपनाया जाए। उसने राजा को एक जोड़ी जूते दिए जिसे पहनने के बाद कांटा चुभने से बचाव किया जा सकता है। ऐसा कह कर भागवत ने समाज को तालिबान जैसे कांटों से जूझने का सामर्थ्य हासिल करने को प्रेरित किया। 

आरएसएस में महिलाओं का प्रवेश वर्जित नहीं

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रवेश वर्जित नहीं है। अधिक से अधिक महिलाएं संघ कार्य सा जुड़ें ऐसी हमारी अपेक्षा है। इसके लिए राष्ट्र सेविका समिति का गठन किया गया है। इससे जुड़कर महिलाएं संघ कार्य कर सकती हैं। इसके साथ ही जितने भी अनुषंगी संगठन है सभी में महिलाएं जुड़कर पुरुष कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर सकती हैं। 

आरएसएस जनसंख्या नीति का विरोधी नहीं

राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर के सभागार में आयोजित प्रबुद्ध संगोष्ठी में जनसंख्या नियंत्रण पर प्रश्न का उत्तर देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि वे जनसंख्या नीति के विरोधी नहीं हैं। उनका मानना है कि नीति ऐसी हो जो सब पर समान तरीके से लागू किया जा सके। जब यह पारित हो जाए तब अनुशासन पूर्वक प्रत्येक व्यक्ति पर सख्ती के साथ इसका अनुपालन हो सके। यदि ऐसा नहीं तो सिर्फ नीति निर्माण के लिए एक नीति बना देने का कोई औचित्य नहीं। संघ प्रमुख ने कहा कि हमें जनसंख्या नियंत्रण के लिए ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि नीति की आवश्यकता ही ना रहे। नीति बनाना ही नहीं उसका अनुपालन कराना भी जरूरी है। 

उद्योग की बताई सार्थकता

आर्थिक असमानता की चर्चा करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि जो भी सुविधाएं हमें प्राप्त हो रही हैं, हमारा प्रयास होना चाहिए कि प्रत्येक नागरिक को वह मिले। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में प्रभात ग्राम नाम से एक अभियान शुरू किया है। इसके तहत सुदूरवर्ती गांव में तालाब खोदना व अन्य संसाधन जुटाकर ग्रामीणों को सुविधा संपन्न बनाना और आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने केंद्र की आर्थिक नीतियों पर कहा कि यदि कोई उद्योग लगता है तो इससे सिर्फ देश की सरकार और उद्योगपतियों को ही लाभ नहीं मिलना चाहिए। बल्कि मजदूरों को भी लाभ मिलना चाहिए। तभी उद्योग लगाने का उद्देश्य सार्थक होगा और अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगी।


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