धनबाद में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 52 करोड़ रुपये की सिफारिश
धनबाद धनबाद की स्वच्छ वायु योजना को लागू करने की जिम्मेदारी कई एजेंसी के पास है। इसके लिए सभी विभागों का एक साथ काम करना जरूरी है ताकि हम शहर की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार करें और इसे बनाए रखें।
धनबाद : धनबाद की स्वच्छ वायु योजना को लागू करने की जिम्मेदारी कई एजेंसी के पास है। इसके लिए सभी विभागों का एक साथ काम करना जरूरी है, ताकि हम शहर की वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार करें और इसे बनाए रखें। प्रदूषण नियंत्रण पर कितना काम हुआ, एक्शन प्लान कितना प्रभावी हो सका, कहां-कहां रुकावट है, इन सबको लेकर क्लीन एयर एक्शन प्लान विषय के तहत गुरुवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। काउंसिल फॉर एनर्जी एनवायरमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) और सेंटर फॉर एनवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीईईडी) ने इसका आयोजन किया। इसमें यह बात सामने आई कि 2019-20 में प्रदूषण कम करने के लिए विभिन्न गतिविधियों के लिए 10 करोड़ रुपये धनबाद को मिले थे। 15वें वित्त वर्ष 2020-21 में प्रदूषण नियंत्रण के लिए 52 करोड़ रुपये की सिफारिश की गई है।
सीईईडब्ल्यू की प्रोग्राम एसोसिएट तनुश्री गांगुली ने कहा कि धनबाद की योजना अन्य शहर से अलग है। इसमें प्रदूषण के स्थान एवं विशिष्ट स्त्रोतों की जानकारी साफतौर पर है। इसके अलावा बीसीसीएल और टाटा स्टील की कोयला खदानों के झरिया में प्रदूषण नियंत्रण की योजना भी शामिल है। सीईईडब्लू ने एक अध्ययन में धनबाद के लिए बनी योजना में सात एजेंसियों को 37 उपाय लागू करने की जिम्मेदारी दी है।
सीईईडी की वरीय कार्यक्रम अधिकारी अंकिता ज्योति ने कहा कि धनबाद में विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण के गंभीर स्तर का सामना करना पड़ता है। हमने सरकार से स्वच्छ एयर एक्शन प्लान में कुछ नए सुझावों पर विचार करने का आग्रह किया है। वेबिनार में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी आरएन चौधरी, नगर निगम के सहायक अभियंता उदय प्रकाश कच्छप, नगर मिशन प्रबंधक अमृत कार्नेलियस मुर्मू, पर्यावरणविद् डॉ. नीतीश प्रियदर्शी, आइआइटी आइएसएम से सुरेश पांडियन, आशुतोष आनंद, तुषार, मिलन, अरविद वर्मा, सुषमा केरकेटा ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम का समापन संयोजक मुन्ना झा ने किया।