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अलकडीहा में सड़क जाम हटाने को लेकर पूर्व मंत्री आबो देवी व पुलिस में नोकझोंक

लोदना क्षेत्र की जीनागोरा परियोजना में मैनुअल लोडिंग की मांग पर सड़क जाम किए राजद समर्थकों के साथ पुलिस की नोकझोक हो गई। एक महिला ने पीओ पर दु‌र्व्यवहार का आरोप लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 10:44 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 10:44 PM (IST)
अलकडीहा में सड़क जाम हटाने को लेकर पूर्व मंत्री आबो देवी व पुलिस में नोकझोंक

संस, अलकडीहा : लोदना क्षेत्र की एनटीएसटी, जीनागोरा परियोजना क्षेत्र में कोयला ट्रांसपोर्टिग में मैनुअल लो¨डग की मांग पर राजद और ग्रामीण युवा बेरोजगार मोर्चा के समर्थक आंदोलन पर उतर आए। सोमवार को साउथ तिसरा रेलवे क्रा¨सग के समीप सड़क जाम कर ट्रांसपोर्टिग ठप कर दी। अलकडीहा पुलिस ने कोयला डिस्पैच चालू कराने के लिए जबरन प्रयास किया। इसे लेकर पूर्व मंत्री आबो देवी और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई। आंदोलन का नेतृत्व राजद के जिला अध्यक्ष अवधेश यादव व मोर्चा के मनोज यादव कर रहे थे।

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चार घंटे बाद अलकडीहा ओपी प्रभारी जयमासी कुजूर और सीआइएसएफ के सहायक समादेष्टा एनएस मिश्रा की पहल पर जीनागोरा पीओ के साथ आंदोलनकारियों की वार्ता हुई जो विफल हो गयी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दशहरा के बाद प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन को तेज करने की घोषणा की।

इसी बीच राजद की एक दलित महिला नेत्री पुतुल देवी ने पीओ सतेंद्र ¨सह के खिलाफ अलकडीहा ओपी में जाति सूचक गाली देते हुए  मारपीट करने, गलत नीयत से संवेदनशील जगह पर  पैर से मारने, बाल पकड़कर खींचकर धरना से हटाने, पर्स  में रखे 350 रुपये छीनने व खाने की टिफिन को फेंकने की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। आंदोलन में उदय शर्मा, प्रसिद्ध  राम, मनोज यादव, बबलू यादव, भोला यादव, संजय यादव, अनिल बाउरी, शिवजी राम, सनोज राम, अखिलेश यादव आदि थे।

------------------------- पीओ ने हमारे समर्थको के साथ ज्यादती की है। एक दलित महिला के साथ अभद्र दु‌र्व्यवहार करना कानून  के साथ खिलवाड़ है। पुलिस आरोपित  पीओ को तत्काल गिरफ्तार करें। कार्रवाई नहीं हुई तो राजद ही नहीं महागठबंधन के लोग व्यापक  आंदोलन करेंगे।

आबो देवी, पूर्व मंत्री

--------------------------------- पीओ सत्येंद्र ने कहा- आरोप बेबुनियाद

राजद समर्थक दलित महिला पुतुल देवी की ओर से लगाए गए आरोप को  पीओ सत्येंद्र ¨सह ने बेबुनियाद व फर्जी बताया। कहा कि वे जब आंदोलन स्थल पर गए तो वहां पहले से पुलिस और सीआइएसएफ के लोग के अलावे बड़ी संख्या में ग्रामीण थे। इतने लोगो के सामने किसी महिला के साथ दु‌र्व्यवहार कैसे किया जा सकता  है। डिजिटल का जमाना है अगर किसी के पास कोई सबूत है तो दिखाए। फर्जी केस के जरिये प्रबंधन पर दबाव बनाने की यह साजिश है। प्रबंधन की ओर से आंदोलनकारियों के दर्ज कराई गई एफआइआर के कारण उनके खिलाफ फर्जी शिकायत की गयी है।


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