रेलवे के कहर पर सेवानिवृत्त वैज्ञानिक का पसीजा दिल
रांगाटांड में रहने वाले राजनाथ यादव ने बताया कि 30 साल से परिवार के साथ रह रहे थे। रात में एकाएक सूचना दी और सुबह बुलडोजर चला दिया।
धनबाद, जेएनएन। यूं तो बसना और उजड़ना फुटपाथ पर गुजर-बसर करने वालों की नियति है। लेकिन, कभी-कभी यह नियति भी क्रूर होती है। चक्रवाती बारिश के माहाैल में रेलवे ने धनबाद में अतिक्रमण हटाओ अभियान चला रखा है। यह अभियान फुटपाथ पर गुजर-बसर करने वालों पर कुछ ज्यादा ही भारी पड़ रहा है। उजड़े लोगों को बारिश के माैसम में सड़क किनारे समय काटना पड़ रहा है।
रांगाटांड में रहने वाले राजनाथ यादव ने बताया कि 30 साल से परिवार के साथ रह रहे थे। रात में एकाएक सूचना दी और सुबह बुलडोजर चला दिया।रेलवे की ओर से चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के कारण उनका परिवार ठंड और बारिश के बीच खुले आसमान के नीचे आ गया है। परिवार के सदस्यों का कहना था कि कुछ वक्त मिल जाता, तो विकल्प तलाश लेते पर बगैर पूर्व सूचना के ही उनका घर उजाड़ दिया गया। इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है। हालांकि रेलवे का कहना है कि कई बार नोटिस के बाद भी अतिक्रमणकारी हटने को तैयार नहीं हैं। इस वजह से अभियान जारी रहेगा।
रेलवे ने तो यादव जैसे दर्जनों लोगों पर रहम नहीं दिखाई। रेलवे इस कहर पर सिंफर के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक अशोक शर्मा को मंगलवार को दिल पसीजा। उन्होंने अतिक्रमण हटाओ अभियान से प्रभावितों की सुध ली। पीड़ित परिवारों से मिलकर उन्हें वस्त्र किए। दवाइयां दी।