Rajmahal mine accident: कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने डीजीएमएस मुख्यालय से 11 तक मांगी रिपोर्ट
डीजीएमएस से पीट सेफ्टी प्रबंधन व डीजीएमएस की द्विपक्षीय बैठक की रिपोर्ट घटना के वक्त लोगों के लिए गए बयान की रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।
धनबाद, जेएनएन। ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड की राजमहल लालमटिया में खुली खदान में 29 दिसंबर 2016 को हुई दुर्घटना में कोर्ट ऑफ इंनक्वायरी के लिए गई टीम को भौतिक सत्यापन में कई खामियां मिली हैं। इस दुर्घटना में 23 खनिक लापता हो गए थे। इनमें ज्यादातर की मृत्यु हो गई। अधिकारी सूत्रों ने बताया कि टीम ने डीजीएमएस से राजमहल हादसे से संबंधित पूरी रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट 11 नवंबर के पहले उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की अगली बैठक 11 नवंबर को दिल्ली में ही रखी गई है। चूंकि तीन माह में ही इंक्वायरी पूरी करने का समय रखा गया है।
बताया जाता है कि डीजीएमएस से पीट सेफ्टी कमेटी की रिपोर्ट, प्रबंधन व डीजीएमएस की द्विपक्षीय बैठक की रिपोर्ट, घटना के वक्त लोगों के लिए गए बयान की रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। वहां अब तक केवल एक व्यक्ति ने प्रत्यक्षदर्शी के रूप में अपना शपथ पत्र दिया है। इस स्थिति पर भी नजर रखी जा रही है। टीम ने भौतिक सत्यापन के दौरान जो देखा, उसमें घटना वाले दिन ओबी की ऊंचाई करीब 148 मीटर थी। लेकिन इस समय टीम को करीब 68 मीटर ही ऊंचाई मिली। इससे सत्यापन करने में कई तरह की परेशानी हुई। ओबी डंप हटाकर वहां कोयला खनन किया जा रहा है। तीन साल पहले की स्थिति और मौजूदा स्थिति में काफी बदलाव देखा गया।
दौरे के दौरान कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की चेयरमैन भारत सरकार की पूर्व सचिव रश्मि शर्मा, एस्सेसर के रूप में हिन्द मजदूर सभा के अख्तर जावेद उस्मानी, पूर्व मुख्य खान निरीक्षक रवींद्र शर्मा कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के मेंबर सचिव वी बनाथू, सीतारामपुर डीजीएमएस केबी बाप्पा राव, ईसीएल के जीएम सेफ्टी, धनबाद डीजीएमएस मुख्यालय से दिनेश साहू, राजमहल क्षेत्र के जीएम व अन्य अधिकारी के साथ बैठक कर जानकारी ली गई।