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बेजान शव वाहनों का किराया पांच सौ से एक हजार

धनबाद हाल ही में नगर निगम ने पानी टैंकर सेप्टिक टैंक क्लीनिग और शव वाहन की सुविधा श

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 02:23 AM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:11 AM (IST)
बेजान शव वाहनों का किराया पांच सौ से एक हजार
बेजान शव वाहनों का किराया पांच सौ से एक हजार

धनबाद : हाल ही में नगर निगम ने पानी टैंकर, सेप्टिक टैंक क्लीनिग और शव वाहन की सुविधा शुल्क में एक साथ बढ़ोतरी कर दी। नगर निगम में अब कई सेवाएं निश्शुल्क नहीं रहीं। जो सुविधाएं पहले से दी जा रही हैं उसकी सुविधा शुल्क में भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ोतरी कर दी गई है। इसमें सबसे अहम यह है कि अभी तक निश्शुल्क सेवा के तहत आने वाले शव वाहन के लिए भी शुल्क निर्धारित किया गया है। पांच किमी के अंदर 500 रुपये तो इससे बाहर एक हजार से 1500 रुपये तक शुल्क तय किया गया है। हैरानी की बात यह है कि जिन शव वाहनों का बुकिग शुल्क तय किया गया है वो दोनों शव वाहन काफी अरसे से खराब हैं। 2015 में शव वाहन नगर निगम को मिला था। इसे ठीक करवाने की जहमत तक नगर निगम ने नहीं उठाई और अब इसपर सुविधा शुल्क भी लगा दिया। हीरापुर कांपेक्टर स्टेशन में एक शव वाहन खड़ा है तो दूसरे के बारे में यह जानकारी मिली कि उसे ठीक करवाने के लिए भेजा गया है। सच्चाई इससे इतर है। शव वाहन की सुविधा आजतक निश्शुल्क ही रही है। हालांकि शव वाहन की नई दर में बीपीएल कार्डधारियों को 50 फीसद की छूट मिलेगी। नगर निगम के सूत्र बताते हैं कि जब तक शव वाहन की सेवा निश्शुल्क थी वार्ड पार्षद ही अपने कार्य के लिए हमेशा इस्तेमाल करते रहे। बोर्ड बैठक में कभी भी इसका शुल्क निर्धारित करने का प्रस्ताव नहीं दिया गया।

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उपायुक्त से शिकायत, संज्ञान लेने की गुजारिश

शव वाहनों की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए समाजसेवी कुमार मधुरेंद्र सिंह ने उपायुक्त से शिकायत की है। उपायुक्त को दिए पत्र में कहा है कि नगर निगम ने एक अच्छी पहल की थी। दो वातानुकूलित शव वाहन मिले। इनकी स्थिति जर्जर हो चुकी है। आम जनमानस को हो रही असुविधा को ध्यान में रखते हुए अविलंब इसका संज्ञान लें। दोनों शव वाहन को दुरूस्त कराना चाहिए।

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एक शव वाहन तो ठीक करने के लिए गया हुआ है, दूसरे की क्या स्थिति है, यह देखना होगा। प्रतिदिन ईंधन के दामों में बढ़ोतरी के कारण शुल्क बढ़ाया जाना आवश्यक था।

- मो.अनीस कार्यपालक पदाधिकारी नगर निगम


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