SAIL: पे रिवीजन के लिए संसदीय कमेटी की सिपारिशों को नहीं मान रहा प्रबंधन, बीसीएल कर्मचारियों में अपने सांसद के प्रति आक्रोश
SAIL इस्पात की संसदीय समिति में धनबाद लोकसभा के सांसद पीएन सिंह भी शामिल है। पशुपतिनाथ सिंह संसदीय कमेटी में बतौर सदस्य रहते अब तक मसले का समाधान नही करा पाए। इससे संयंत्रकर्मियों में काफी आक्रोश है। अब सबकी नजर 12-13 अगस्त की बैठक पर है।
धनबाद के सांसद भी समिति के सदस्य
संसदीय समिति में धनबाद लोकसभा के सांसद पीएन सिंह भी शामिल है। पशुपतिनाथ सिंह संसदीय कमेटी में बतौर सदस्य रहते अब तक मसले का समाधान नही करा पाए। इससे संयंत्रकर्मियों में काफी आक्रोश है। संयंत्रकर्मी पे रिवीजन के मद में 15 फीसद एमजीबी व 35 फीसद पर्क्स से कम लेने को तैयार नही है। साथ ही रिवीजन के मद में साल 2017 से बकाया एरियर की मांग की जिद पर वह अड़े हुए है। उनका साफ कहना है की यदि 12-13 अगस्त की बैठक में इससे कम डिमांड पर यूनियन वार्ता करेगी तो वे 30 जून की हड़ताल को दोबारा कर अपने शक्ति का प्रदर्शन सामूहिक रूप से करेंगे।
सेलकर्मियों के पे रिवीजन पर 12-13 अगस्त को होने वाली बैठक से पूर्व एनजेसीएस के पांचों श्रमिक संगठन 11 अगस्त को नई दिल्ली में आंतरिक वार्ता करेंगे। इस दौरान एमजीबी, पर्क्स, बकाया एरियर, पेंशन अंशदान की राशि व रिवीजन की अवधि पर बातचीत करने के बाद 12-13 अगस्त को श्रमिक संगठन अपना प्रस्ताव प्रबंधन को सौंपेगी। यदि प्रबंधन यूनियन के दिए गए प्रस्ताव पर सहमत हो जाती है तो वार्ता आगे भी चलेगी अन्यथा मीटिंग के लिए दोबारा नया डेट दिया जाएगा।
साल 2014 में गठित संसदीय कमेटी की रिपोर्ट में इस्पात मंत्रालय के अधीन संचालित सभी महारत्न कंपनी में एक समान वेतन समझौता एक समय पर करने का निर्देश संबंधित कंपनी को दिया गया था। इनमें गेल, ओएनजसीसी, एनटीपीसी, भेल, कोल, एनएमडीसी आदि महारत्न कंपनी में कामगारों का बेहतर वेतन समझौता समय पर हो गया है। जबकि सेल प्रबंधन अपने वित्तीय संकट का हवाला देकर मामले पर टाल-मटोल की नीति अपनाए हुए है।