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Valentine's Day 2021: सीख रहे थे इलाज की विधा और जकड़ ली प्रेम की बीमारी, पढ़ें धनबाद के 6 डॉक्टरों का प्रेमाख्यान

धनबाद जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग के सर्विलांस पदाधिकारी डॉ. राजकुमार सिंह और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमा सिंह की प्रेम कहानी थोड़ी अलग है। डॉ. राजकुमार बताते हैं कि किशनगंज मेडिकल कॉलेज में दोनों पढ़ाई कर रहे थे। वर्ष 1996 था। डॉ. सोमा जूनियर थी।

By MritunjayEdited By: Published: Sun, 14 Feb 2021 09:28 AM (IST)Updated: Sun, 14 Feb 2021 09:35 AM (IST)
प्राकृतिक साैंदर्य के बीच अपनी दुनिया में रमा प्रेमी जोड़ा ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ मोहन गोप ]। कहते हैं प्रेम सच्चा हो तो हर कठिन राह आसान हो जाता है। प्रेम एक दूसरे को समझने जानने का ही नहीं बल्कि हर सुख दुख में साथ निभाने का भी नाम है। आज वैलेंटाइन डे है। धनबाद के भी ऐसी कुछ प्रसिद्ध चिकित्सक है जिन्होंने प्रेम किया और आजीवन एक दूजे के हो गए। आइए, जानते हैं इनकी प्रेम कहानी। कैसे बीमारियों का इलाज सीखने के क्रम में ये खुद प्रेम की बीमारी में जकड़ते गए।

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सरस्वती पूजा में मिले, मन ही मन हो गया प्यार

सेंट्रल अस्पताल के एनेस्थीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. दिनेश कुमार सिंह और बीसीसीएल हेड क्वार्टर की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ मीता सिंह पहली नजर में एक दूजे के हो गए थे। दोनों मुजफ्फरपुर के कृष्णा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। वर्ष 1986 की सरस्वती पूजा थी। इस दौरान दोनों मिले और नजदीकियां बढ़ गई। पहले मोबाइल या संचार के उतने साधन नहीं थे। तब परीक्षा शुरू हुई थी। मीमता ने उन्हें एक गुड लक कार्ड भेजा था। इसके बाद वे और करीब आते गए। पहले दोनों ने तय किया कि करियर बनाना है। इसके बाद 13 अप्रैल 1989 को हमने शादी कर ली। दोनों कहते हैं प्रेम दिखावा नहीं होना चाहिए बल्कि प्रेम शाश्वत होना चाहिए।

कॉलेज में रैगिंग शुरू की और हो गया प्यार

जिला महामारी रोग नियंत्रण विभाग के सर्विलांस पदाधिकारी और सदर अस्पताल के प्रभारी डॉ. राजकुमार सिंह और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सोमा सिंह की प्रेम कहानी थोड़ी अलग है। डॉ. राजकुमार बताते हैं कि किशनगंज मेडिकल कॉलेज में दोनों पढ़ाई कर रहे थे। वर्ष 1996 था। डॉ. सोमा दो वर्ष जूनियर थी। कॉलेज में परिचय सत्र चल रहा था। सीनियर होने के कारण डॉ. राजकुमार रैगिंग कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान ही डॉ. सोमा पर उनका दिल आ गया। धीरे-धीरे नजदीकियां बढ़ती गई। दोनों  मेडिकल की पढ़ाई पूरी कर 14 जुलाई 2001 को शादी के बंधन में बंध गए। दोनों स्वास्थ्य विभाग में एक साथ सेवा दे रहे हैं।

मेडिकल कॉलेज में आंखें चार हुई, मंदिर में इजहार

चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. जिम्मी अभिषेक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पूजा दुबे की कहानी भी रोचक है। दोनों पीएमसीएच (अब एसएनएमएमसीएच) में सेवा दे रहे थे।  डॉ. जिम्मी के अंडर में ही डॉ. पूजा इंटर्नशिप कर रही थीं। अस्पताल में दोनों की आंखें चार हुई। मन ही मन प्यार शुरु हो गया। इसके बाद दोनों एक मंदिर के कार्यक्रम में मिले। वहां पर दोनों ने प्यार का इजहार किया। इसके बाद जिम्मी ने पूजा को अपने घर जाकर परिजनों से मिलाया। 2017 में दोनों ने शादी कर ली। जिम्मी कहते हैं, प्यार में दिखावा नहीं होना चाहिए।


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