अब मुश्किल होगा 2000 के नोटों का दिखना
धनबाद : जिस एटीएम से आप अक्सर पैसों की निकासी करते हैं, अगर वे खाली मिल रहे हैं तो आप चौकिय
धनबाद : जिस एटीएम से आप अक्सर पैसों की निकासी करते हैं, अगर वे खाली मिल रहे हैं तो आप चौकिये नहीं, क्योंकि नोटबंदी के बाद से आप एटीएम में ऐसे हालात झेलने के आदि हो गए हैं। नोटबंदी ने जिस 2000 के नए नोट को जन्म दिया था, अब वे भी दुर्लभ हो रहे हैं। 2000 रुपये के ये नोट पहले ही एटीएम से गायब हो चुके हैं। इसकी वजह यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इसकी आपूर्ति रोक दी है। बैंकिंग क्षेत्र जुड़े अधिकारियों के अनुसार आरबीआइ इसकी जगह 200 और 50 के नए नोटों की छपाई हो रही है।
35 करोड़ रुपये की खपत : धनबाद के करीब 400 एटीएम में प्रति दिन 35 करोड़ रुपये की खपत है। अभी इनमें से केवल 500 व 100 के नोट ही डाले जा रहे हैं। 2000 रुपये के नोट अभी उन्हीं एटीएम में डाले जा रहे हैं।
जमाखोरी से गायब हुए नोट :
2000 के नोटों की आपूर्ति पिछले वर्ष नवंबर से लेकर इस वर्ष के जुलाई तक आपूर्ति हुई थी। इसके बाद आरबीआइ ने इनकी आपूर्ति रोक दी है। अब तक जारी किए नोटों में से 70 फीसद नोट बाजार से गायब हो गए हैं। बैंक अधिकारियों की मानें तो इन नोटों को काला धन के जमाखोरों ने दबा दिया है। इसकी वजह से बाजार में जारी हुए 2000 रुपये के नोटों में से केवल 30 फीसद ही चलन में हैं। यह धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं।
अधिकारियों की मानें तो देश भर में 2000 रुपये के कुल 370 करोड़ नोट बाजार में छोड़े गए थे। 500 रुपये के 1500 करोड़ नोट बाजार में जारी किए गए थे। नोटबंदी में 500 रुपये के 1570 करोड़ पुराने नोट चलन से बाहर किए गए थे जबकि 1000 रुपये के करीब 600 करोड़ पुराने नोट बैंकों ने जमा लिए थे। नोटबंदी से पहले जितने मूल्य के नोट प्रचलन में थे, उनके करीब 90 फीसद अब तक प्रचलन में आ चुके हैं।