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सिदरी व कांड्रा के घरों, दुकानों में घुसा पानी

संस चासनाला-सिदरी मंगलवार की रात भर हुई बारिश से सिदरी के घरों व कांड्रा बाजार की

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 06:38 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 06:38 PM (IST)
सिदरी व कांड्रा के घरों, दुकानों में घुसा पानी
सिदरी व कांड्रा के घरों, दुकानों में घुसा पानी

संस, चासनाला-सिदरी : मंगलवार की रात भर हुई बारिश से सिदरी के घरों व कांड्रा बाजार की दुकानों में पानी घुस गया। बुधवार को भी दिनभर बारिश होती रही। कांड्रा बाजार में जल जमाव होने से कई दुकानों व घरों में पानी घुस गया। कई सामान नष्ट हो गए। बारिश ने नगर निगम सिदरी अंचल की पोल खोल कर रख दी। निगम के प्रति लोगों में काफी रोष है। समय रहते यहां के नाला की सफाई नहीं की गई तो स्थिति और बदतर हो सकती है।

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झरिया-सिदरी मुख्य मार्ग के पास कांड्रा बाजार के दोनों किनारों पर बारिश के पानी की निकासी को नाला का निर्माण वर्षो पूर्व हुआ था। नाला की सफाई नहीं होने व स्लैब नहीं होने के कारण ऐसी स्थिति हुई। यहां ऐसा लगता है कि नाला का अस्तित्व ही कई जगहों पर समाप्त हो गया है। सुशील दुबे, उदय महतो, राजेश महतो, प्रदीप महतो ने बताया कि नगर निगम के सफाई कर्मियों से केवल घास व कचड़े की सफाई कराकर निगम इतिश्री कर लेता है। सिदरी में भी बारिश के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ। केबल लाइन में पानी के जमा होने से केबल फाल्ट हो गया। शहर में बिजली आपूर्ति सुबह से ही ठप पड़ गई। शहर के निचले इलाके में बने आवासों में जल जमाव होने के कारण घरों में पानी घुस गया। रेलवे स्टेशन के निकट मुंडा बस्ती में जल निकासी रुक जाने के कारण बस्ती में पानी भर गया। निचले इलाके आइएम टाइप, आरएम फोर, आरके वन, एम टाइप के दर्जनों घरों में बारिश का पानी घुस गया। कई सामान नष्ट हो गए। रास्ते में पानी भर गया। प्रभावित लोगों का कहना है कि नगर निगम ने शहर के ड्रेनेज की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया। इससे पानी की निकासी बंद हो गई। निगम के प्रति लोगों में रोष देखा गया।

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कम हुआ कोयला का उत्पादन

संस, तिसरा : मानसून की लगातार हुई बारिश के कारण बीसीसीएल के बस्ताकोला और लोदना क्षेत्र में विभागीय व आउटसोर्सिंग परियोजना के उत्पादन पर असर पड़ा है। लोदना क्षेत्र के नार्थ-साउथ तिसरा, जीनागोरा परियोजना में प्रतिदिन जहां एक हजार टन कोयले का उत्पादन होता था। बुधवार को छह से आठ सौ टन के करीब ही कोयला उत्पादन हुआ। प्रबंधन का कहना है कि बस्ताकोला क्षेत्र की कुइयां परियोजना में प्रतिदिन छह सौ टन कोयला का उत्पादन होता था। आज मात्र चार सौ टन हुआ। जबकि एनसी बीजीआर आउटसोर्सिंग परियोजना में भी छह हजार टन की जगह लगभग चार हजार टन उत्पादन हुआ।


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