Indian Railways: पटरी पर लौटी मुंबई लोकल से बढ़ी और ट्रेनों के चलने की उम्मीद, SER को रेलवे बोर्ड के आदेश का इंतजार
धनबाद से खुलने वाली ट्रेनों के साथ-साथ रांची से आने वाली ऐसी कई ट्रेनें हैं जिनका धनबाद को इंतजार रहता है। इनमें उत्तर बिहार जानेवाली ज्यादातर ट्रेनें हैं जो फिलहाल बंद हैं।
धनबाद, जेएनएन। राजधानी समेत दो सौ स्पेशल ट्रेनें चलने के बाद भी धनबाद और आसपास के यात्रियों की परेशानी कम नहीं हुई है। रांची, पटना समेत उत्तर बिहार जाने के लिए न ट्रेन है और न ही बसें शुरू हुई हैं। इस वजह से टैक्सी का विकल्प तलाशना पड़ रहा हैं। धनबाद से खुलने वाली ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है। अब दक्षिण पूर्व रेलवे ने भी यह साफ कर दिया है कि ट्रेन चलाने की पूरी तैयारी है। बस रेलवे बोर्ड की हरी झंडी का इंतजार है। सोमवार से मुंबई लोकल ट्रेनों के पटरी पर लौटने के साथ ही उम्मीदें और बढ़ गई हैं।
धनबाद से खुलने वाली ट्रेनों के साथ-साथ रांची से आने वाली ऐसी कई ट्रेनें हैं, जिनका धनबाद को इंतजार रहता है। इनमें उत्तर बिहार जानेवाली ज्यादातर ट्रेनें हैं, जो फिलहाल बंद हैं। इन ट्रेनों के पटरी पर लौटने से धनबाद को बड़ी राहत मिलेगी। धनबाद से पटना के बीच चलने वाली गंगा-दामोदर को चालू करने की मांग हो रही है। इस ट्रेन के नहीं चलने से धनबाद और पटना पूरी तरह से कट गया है। इसी तरह धनबाद और राजधानी रांची के बीच एक भी ट्रेन नहीं चल रही है।
इन ट्रेनों के चलने से मिलेगी यात्रियों को राहत
रांची-भागलपुर वनांचल एक्सप्रेस, रांची-दुमका इंटरसिटी, रांची-भागलपुर एक्सप्रेस, रांची-कामाख्या एक्सप्रेस, हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस, रांची-जयनगर एक्सप्रेस।
पटना और रांची के लिए गोमो से ट्रेन
झारखंड और बिहार को जोडऩे वाली इकलौती ट्रेन जनशताब्दी एक्सप्रेस ही अभी चल रही है। गोमो होकर चलने वाली इस ट्रेन में सीटें भी उपलब्ध हैं। पर धनबाद से गोमो तक पहुंचने के लिए कनेक्टिंग ट्रेन नहीं है। सड़क मार्ग से गोमो पहुंचना भी फिलहाल आसान नहीं है।
दक्षिण पूर्व रेलवे ट्रेन चलाने के लिए तैयार है। जैसे ही रेलवे बोर्ड की अनुमति मिलेगी, ट्रेनें चलने लगेंगी।
-संजय घोष, सीपीआरओ