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कतरासगढ़-निचितपुर लिंक लाइन चल सकती है ट्रेन

धनबाद : धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन बंद होने के लगभग एक साल बाद अब कतरासगढ़ से निचितपुर के बीच

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 06:23 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 06:23 AM (IST)
कतरासगढ़-निचितपुर लिंक लाइन चल सकती है ट्रेन

धनबाद : धनबाद-चंद्रपुरा रेललाइन बंद होने के लगभग एक साल बाद अब कतरासगढ़ से निचितपुर के बीच लगभग तीन किलोमीटर लिंक लाइन को पुनर्जीवित करने की संभावना तलाशी जा रही है। मालगाड़ी के लिए बने लिंक लाइन पर यात्री ट्रेन के परिचालन से पूर्व न केवल रेलवे बोर्ड से अनुमति लेनी होगी बल्कि रेलवे टै्रक को कोचिंग ट्रेन के लिए फिट भी बनाना होगा। रेलवे की योजना अगर कामयाब हो गई तो वीरान पड़े कतरासगढ़ में एक बार रेलगाड़ी के सायरन सुनाई देंगे। हालांकि इस रूट पर यात्री ट्रेन के तौर पर ईएमयू का परिचालन आसान होगा, क्योंकि इसमें इंजन बदलने की तकनीकी समस्या नहीं आएगी।

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गोमो लिंक से पहुंचा जा सकेगा धनबाद से कतरासगढ़ कतरासगढ़-निचितपुर लिंक लाइन गोमो से कनेक्ट है। अप और डाउन दोनों ही लिंक गोमो से जुड़ा है। इससे मालगाड़ी के खाली रैक आने और लोडिंग के बाद वापस लौटने की सुविधा है। कतरासगढ़ से गोमो जाने में लिंक की तकनीकी समस्या नहीं आएगी। पर धनबाद से कतरासगढ़ जाने के लिए निचितपुर में ठहरना होगा। वहां से गोमो लिंक से होकर कतरासगढ़ पहुंचा जा सकेगा।

ईएमयू के परिचालन से होगी समय की बचत

धनबाद से कतरासगढ़ के बीच सामान्य पैसेंजर ट्रेन चली तो निचितपुर में इंजन बदलना होगा। इस प्रक्रिया में लगभग 20 से 25 मिनट का समय लगेगा। हावड़ा-नई दिल्ली के बीच व्यस्ततम रेल मार्ग में शुमार ग्रैंड कॉर्ड पर यह मुमकिन नहीं है, क्योंकि इससे अन्य कई ट्रेनों के प्रभावित होने के आसार हैं। ऐसे में ईएमयू का परिचालन बेहतर विकल्प है जिससे न केवल इंजन बदलने की समस्या समाप्त होगी बल्कि समय की भी बचत होगी।

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वेस्ट कतरास और रामकनाली साइडिंग से बढ़ेगी रेलवे की आमदनी

लिंक लाइन के अस्तित्व में आने से रेलवे की आमदनी में भी इजाफा होगा। इससे वेस्ट कतरास और रामकनाली साइडिंग से कोयला परिवहन शुरू हो सकेगा। इसके साथ ही सलानपुर, केशलपुर सहित आसपास की साइडिंग से भी देश के विभिन्न हिस्सों में कोयला भेजा जा सकेगा।

15 को डीसी लाइन बंदी का होगा एक साल पूरा

डीसी लाइन पिछले वर्ष 15 जून से बंद है। 10 दिनों बाद इस फैसले को एक साल पूरा हो जाएगा। पर अब तक इसके वैकल्पिक मार्ग को लेकर काम भी शुरू नहीं हो सका है।

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'रेलवे अपने स्तर पर लगातार प्रयास कर रही है। फिलहाल कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। इसी सप्ताह डीजीएमएस के डीजी के साथ मिलकर इस मुद्दे पर विस्तृत बातचीत होगी।'

अनिल कुमार मिश्रा, डीआरएम


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