'फॉग पास' में फेल हो गई अपनी रेल
धनबाद : फॉग पास यानी फॉग पायलट असिस्टेंस सिस्टम। एक ऐसा उपकरण जिससे रेल चालकों को दो
धनबाद : फॉग पास यानी फॉग पायलट असिस्टेंस सिस्टम। एक ऐसा उपकरण जिससे रेल चालकों को दो किमी पहले ही सिग्नल की जानकारी मिलेगी वहीं उसके आगे के सिग्नल का भी पता चल जाएगा। इससे ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन में भी मदद मिलेगी। मगर धनबाद की ट्रेनों में अब भी यह सपना ही है, क्योंकि अब तक उपकरण उपलब्ध ही नहीं कराया गया है जबकि कोहरे का प्रभाव अब चंद दिनों बाद समाप्त भी हो जाएगा।
दिसंबर की शुरुआत के साथ ही कोहरे का प्रभाव बढ़ गया था। इस वजह से रेल इंजनों में फॉग पायलट असिस्टेंस सिस्टम (फॉग पास) लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई। पूर्व मध्य रेल के अन्य मंडलों की ट्रेनों में फॉग पास लगाए गए पर धनबाद को इससे वंचित रखा गया।
क्या है फॉग पास से लाभ
- रेल इंजनों में लगाया जानेवाला यह उपकरण जीपीएस आधारित है
- इससे सिग्नल ओवरसूट करने का खतरा भी कम हो जाएगा।
- इससे ट्रेनों के संरक्षित परिचालन में मदद मिलेगी।
- कोहरे के कारण होनेवाली लेटलतीफी में इससे कमी आएगी
-ट्रेनों के समयपालन में मदद मिलेगी और सुधार होगा।
धनबाद रेल के कोहरा प्रभावित रेलखंड
- ग्रैंड कॉर्ड का कोडरमा से मानपुर तक का घाट सेक्शन
- सीआइसी सेक्शन के गढ़वा से चोपन तक का क्षेत्र
--------------------
'धनबाद रेल मंडल में कोहरे का प्रभावित क्षेत्र सीमित है। ग्रैंड कॉर्ड व सीआइसी सेक्शन के कुछ हिस्से ही इससे प्रभावित होते हैं। अबतक फॉग पास लगाने का काम शुरू नहीं हो सका है। उपलब्ध होते ही लगाया जाएगा।'
मनोज कृष्ण अखौरी, डीआरएम