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'भूत' कर्मियों को पकड़ने को रेलवे चलाएगी अभियान

धनबाद : पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के कार्मिक विभाग ने जोन के सभी रेल मंडलों में ऐसे 'भूत' कम

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 06:24 AM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 06:24 AM (IST)
'भूत' कर्मियों को पकड़ने को रेलवे चलाएगी अभियान
'भूत' कर्मियों को पकड़ने को रेलवे चलाएगी अभियान

धनबाद : पूर्व मध्य रेल मुख्यालय के कार्मिक विभाग ने जोन के सभी रेल मंडलों में ऐसे 'भूत' कर्मचारियों(घोस्ट इम्प्लाई) के भौतिक सत्यापन कराने का आदेश दिया है जो वेतन तो उठाते हैं मगर काम पर लंबे समय से गायब हैं।

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कुछ माह पूर्व यह पाया गया था कि रेलवे के हजारों कर्मचारी ऐसे हैं जो लंबे समय से दफ्तर नहीं आ रहे हैं मगर वेतन उठा रहे हैं। इनमें पूर्व मध्य रेल का आंकड़ा सर्वाधिक था। धनबाद रेल मंडल में तकरीबन आठ सौ ऐसे कर्मचारी मिले थे। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की तैयारी चल रही थी। अब भारतीय रेल में एक ऐसे मामले का खुलासा हुआ है जिसमें रेलवे ने महीनों तक घोस्ट इम्प्लाई यानी ऐसे कर्मचारी को वेतन भुगतान किया है जो काम पर शारीरिक रूप से मौजूद नहीं था। रेलवे के किस जोन या डिविजन में यह खुलासा हुआ है, इसका जिक्र किए बगैर ही पूर्व मध्य रेल के प्रधान मुख्य कार्मिक पदाधिकारी शैलेंद्र कुमार ने सेवारत सभी रेलकर्मियों के भौतिक सत्यापन करने का आदेश जारी कर दिया है।

सत्यापन में खुलेगी फर्जीवाड़े की पोल

स्पेशल ड्राइव में प्रत्येक कर्मचारी का सत्यापन होगा। मार्च 2018 में कितने कर्मचारियों को वेतन भुगतान किया गया, इसका भी मिलान होगा। इसकी जांच होगी कि कितने कर्मचारी शारीरिक रूप से कार्यरत हैं और कितने केवल कागज पर अपनी उपस्थिति दिखाकर महकमे को चूना लगा रहे हैं। इसके साथ ही यह खुलासा भी होगा कि आखिर कैसे उन कर्मचारियों के खाते में वेतन पहुंच रहा है।

फंस सकती कई बाबुओं गर्दन

जानकारों का मानना है कि दफ्तर के बाबुओं की मेहरबानी से ही फर्जी तरीके से बिना काम किए वेतन लेना संभव है। इस अभियान में ऐसे बाबुओं की भी गर्दन फंस सकती है।

पूर्व मध्य रेल में लगभग 75 हजार रेलकर्मी

पूर्व मध्य रेल में धनबाद, मुगलसराय, दानापुर, सोनपुर व समस्तीपुर रेल मंडल हैं। इन पांचों मंडलों को मिलाकर तकरीबन 75 हजार रेलवे कर्मचारी सेवारत हैं। इनमें धनबाद डिविजन में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 24 हजार है। ऐसी संभावना है कि धनबाद मंडल में भी ऐसे कर्मचारियों का खुलासा होगा जो घोस्ट इंप्लॉई बने हुए हैं।

ऐसे होगा सत्यापन :

कर्मचारी का नाम, पद, पीएफ नंबर, आधार नंबर, किस स्टेशन पर सेवारत, कर्मचारी का हस्ताक्षर, बांए हाथ के अंगूठे का निशान व सुपरवाइजर का हस्ताक्षर लिया जाएगा।


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