प्रोविजनल एडमिशन रद कर वापस कराएं आवेदन शुल्क
धनबाद जिले में संचालित सभी कोटि के निजी विद्यालय मनमानी पर उतर आए हैं।
धनबाद : जिले में संचालित सभी कोटि के निजी विद्यालय मनमानी पर उतर आए हैं। पिछले कुछ वर्षो में लाभ कमाने की मानसिकता के कारण दसवीं की परीक्षा खत्म होने से पहले ही 11वीं में प्रोविजनल नामाकन लिया जा रहा है। नामाकन के पूर्व अपने छात्रों के साथ-साथ बाहरी अभ्यर्थियों से आवेदन प्रपत्र शुल्क एक हजार से दो हजार तक लिया जाता है। इसके बाद लिखित परीक्षा लेकर मेरिट सूची तैयार की जाती है और उसी आधार पर मोटी रकम लेकर कुछ शर्तो के साथ प्रोविजनल नामांकन लिया जाता है। इस बात की शिकायत झारखंड अभिभावक महासंघ ने बुधवार को डीईओ अलका जायसवाल से की। महासंघ ने डीईओ को पत्र देकर कहा कि जब सीबीएसई तथा आइसीएसई बोर्ड का परीक्षाफल घोषित होता है तो उसके बाद दुबारा सभी छात्रों से आवेदन आमंत्रित कर बोर्ड में प्राप्त अंक के आधार पर वरीयता सूची बनाकर उसी आधार पर नामाकन लेते हैं।
कम अंक पाने वाले छात्रों का प्रोविजनल नामाकन रद कर दिया जाता है। आवेदन प्रपत्र तथा नामाकन के मद में ली गई शुल्क छात्रों को वापस नहीं की जाती है। स्कूल प्रबंधकों का यह कृत्य निश्चित रूप से उनके व्यवसायिक मानसिकता को दर्शाता है। इससे न केवल छात्रों को मानसिक एवं सामाजिक रूप से प्रताड़ना झेलनी पड़ती है, बल्कि आर्थिक रूप से नुकसान भी उठाना पड़ता है। यह अत्यंत खेद एवं जाच का विषय है। नामांकन रद कर आवेदन प्रपत्र शुल्क वापस कराई जाए। डीईओ ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। मौके पर उपाध्यक्ष मुकेश पांडेय, महासचिव मनोज मिश्रा, जग्गू महतो, श्याम मोहन सिंह, रामदेव महतो मौजूद थे।
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सीबीएसई के इन नियमों पर ही नामांकन
- स्थानांतरण प्रमाणपत्र या स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट।
- छात्र का चरित्र प्रमाणपत्र।
- परिणाम का प्रमाणपत्र।
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