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निजी अस्पतालों को दिया जाए रैपिड एंटीजेन टेस्ट करने का अधिकार

धनबाद जिन निजी अस्पतालों को कोविड-19 का इलाज करने का अधिकार दिया गया है उन्हें रैपिड एंटीजेन टेस्ट करने का भी अधिकार दिया जाए। ऐसा होने पर सामान्य रोगियों की अधिक सुरक्षा हो सकेगी और कोरोना का संक्रमण भी अधिक नहीं फैल सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 02:31 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 02:31 AM (IST)
निजी अस्पतालों को दिया जाए रैपिड एंटीजेन टेस्ट करने का अधिकार

जागरण संवाददाता, धनबाद : जिन निजी अस्पतालों को कोविड-19 का इलाज करने का अधिकार दिया गया है उन्हें रैपिड एंटीजेन टेस्ट करने का भी अधिकार दिया जाए। ऐसा होने पर सामान्य रोगियों की अधिक सुरक्षा हो सकेगी और कोरोना का संक्रमण भी अधिक नहीं फैल सकेगा। यह सुझाव है जीटा के महासचिव व एशियन जालान हॉस्पिटल ट्रस्टी बोर्ड के सचिव राजीव शर्मा का। शर्मा ने कहा कि अभी अस्पताल आने वाले रोगियों के बारे में यह पता नहीं होता कि वह पॉजिटिव है अथवा नहीं। यदि रैपिड एंटीजेन से जांच की सुविधा मिली तो संदिग्ध मरीज को अलग रख कर इलाज किया जाएगा और आरटीपीसीआर से जहां जांच हो रही है वहां भी जांच को भेजा जा सकेगा। इससे सामान्य मरीज की सुविधा पुख्ता हो सकेगी। कई अन्य सुविधाएं भी हो जाएंगी। शर्मा के मुताबिक न सिर्फ वे और उनका संस्थान बल्कि अन्य निजी चिकित्सालयों जिन्होंने अपने संसाधनों की सूची जिला प्रशासन को सौंपी है उनमें अधिकांश की यही मांग है। संभव हुआ तो वे इस पर उपायुक्त सह आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष से संवाद भी करेंगे। बता दें कि फिलहाल पांच निजी अस्पतालों में कोविड के इलाज की सुविधा प्रशासन ने दिया है। रेमडेसिविर के लिए भी कर सकते सहयोग:

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शर्मा ने कहा कि उपायुक्त चाहें तो रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भी जीटा और अन्य संगठनों के साथ मिलकर सहयोग किया जा सकता है। शर्मा के मुताबिक यह इंजेक्शन सीधे अस्पतालों को ही मिलता है। इस व्यवस्था में हम बदलाव नहीं कर सकते, लेकिन जिस तरह शुरुआती दौर में पीपीई किट व कोविड के इलाज में अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए निधि संग्रह किया गया था उसी तरह इस मद में भी यदि जरूरत हो तो प्रयास किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए उपायुक्त की सहमति जरूरी होगी। शर्मा ने बताया कि धनबाद से कोरोना की पहली लहर के दौरान 25 लाख रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी गई थी। रेमडेसिविर की उपलब्धता के लिए कोष की कमी हो तो उसके लिए यह प्रयास भी किया जा सकता है। इससे धनबाद के गंभीर संक्रमितों को काफी लाभ मिलेगा।


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