सोनथालिया का नाम उछलने से धनबाद लोकसभा क्षेत्र में गरमाई भाजपा की अंदरूनी राजनीति
धनबाद लोकसभा क्षेत्र भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। 1991 के बाद 2004 को अपवाद स्वरूप छोड़कर भाजपा लगातार जीत दर्ज करते आ रही है।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड में लोकसभा चुनाव के दाैरान महागठबंधन की चुनाैतियों का मुकाबला करने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने एक-एक लोकसभा क्षेत्र को लेकर अलग-अलग रणनीति बनानी शुरू कर दी है। वैसे नाम और चेहरों पर विचार किया जा रहा है जो जीत की गांरटी हों। इस रणनीति के तहत धनबाद के रण में उतारने के लिए जिन नामों पर विचार चल रहा है उनमें प्रसिद्ध उद्योगपति प्रदीप सोनथालिया भी शुमार हैं। इससे पहले सोनथालिया राज्यसभा और धनबाद नगर निगम के मेयर का चुनाव लड़ चुके हैं।
उम्र और गुटबाजी के कारण पीएन सिंह का टिकट डेंजर जोन मेंः धनबाद लोकसभा क्षेत्र भाजपा का मजबूत गढ़ माना जाता है। 1991 के बाद 2004 को अपवाद स्वरूप छोड़कर भाजपा लगातार जीत दर्ज करते आ रही है। वर्तमान सांसद पीएन सिंह भाजपा के टिकट पर 2009 में पहली बार चुनाव जीते। उन्होंने 2014 में मोदी लहर में रिकॉर्ड मतों के अंतर से चुनाव जीत दर्ज की। लेकिन, अब उनका उम्र हो चला है। वह करीब 70 वर्ष के हैं। भाजपा में उम्रदराज नेताओं के टिकट काटने की बात चल पड़ी है। इस कारण सिंह का टिकट डेंजर जोन में है। धनबाद भाजपा में गुटबाजी भी चरम पर है। जनता मजदूर संघ के नेता पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने चुनाव में पीएन सिंह को सबक सिखाने की धमकी दी है।
एक दर्जन टिकट के दावेदारः धनबाद लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट के एक दर्जन दावेदार हैं। सांसद पीएन सिंह स्वभाविक रूप से सबसे मजबूत दावेदार हैं। सिंह को छोड़कर पार्टी उसी परिस्थिति में किसी दूसरे पर दांव लगाएगी जबकि जीत की ज्यादा संभावना हो। सिंह के साथ ही राज्य के राजस्व मंत्री अमर बाउरी, धनबाद नगर निगम के मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, राज्य के मंत्री सरयू राय, उद्योगपित प्रदीप सोनथालिया, पूर्व मंत्री प्रो. रीता वर्मा, धनबाद के विधायक राज सिन्हा, बोकारो के विधायक विरंची नारायण, झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रशिक्षण प्रमुख गणेश मिश्र, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य विनय सिंह, पूर्व मंत्री अपर्णा सेनगुप्ता, बाघमारा के विधायक ढुलू महतो, पूर्व विधायक कुंती सिंह, पूर्व आइएएस विमल कीर्ति सिंह प्रमुख दावेदार हैं।
मेरी अपनी कोई इच्छा नहींः उद्योगपति प्रदीप सोनथालिया ने 2015 में भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में धनबाद नगर निगम के मेयर के चुनाव में उतरे थे। हालांकि बीच चुनाव में ही वह बैठ गए। इसके बाद मार्च 2018 में भाजपा ने सोनथालिया को राज्यसभा चुनाव लड़वाया। लेकिन, वह आधे प्रतिशत मतों के अंतर से चुनाव हार गए। एक बार फिर भाजपा में लोकसभा चुनाव के लिए उनके नाम पर विचार चल रहा है। इस बाबत पूछने पर सोनथालिया ने बताया कि उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं है। हालांकि यह भी कहा कि पार्टी अगर उम्मीदवार बनाती है तो वह एक सिपाही की तरह चुनाव लड़ेंगे। धनबाद में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कोर-कसर नहींं छोड़ेंगे।