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पूर्वी भारत की राजनीति, बंगाल पर निशाना

किसान, गरीब, पिछड़े, शोषित, आदिवासी आबादी का एक बड़ा हिस्सा बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा में रहता है और अगले चुनाव में कहीं न कहीं ये प्रभावित भी करेंगे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 12:53 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 12:53 PM (IST)
पूर्वी भारत की राजनीति, बंगाल पर निशाना
पूर्वी भारत की राजनीति, बंगाल पर निशाना

आशीष झा, धनबाद: किसान, गरीब, पिछड़े, शोषित, आदिवासी आबादी का एक बड़ा हिस्सा बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा में रहता है और अगले चुनाव में कहीं न कहीं ये प्रभावित भी करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बलियापुर से पूर्वी भारत की राजनीति करते दिखे तो लक्ष्य भी यही बिरादरी थी। बंगाल पर भी निशाना लगा। बंगाल की सीमा से कुछ ही मील की दूरी पर स्थित सभास्थल पर बंगभाषियों को बड़ी भीड़ इस बात का संकेत भी दे रही थी कि इस सभा का संदेश पश्चिम बंगाल भी जाएगा। यहां के लोगों का रोटी-बेटी का नाता बंगाल से है। मोदी अपने शासन के पांचवें और चुनावी वर्ष की शुरुआत भी पूर्वी राज्य ओडिशा से कर रहे हैं जहां शनिवार को वे एक बड़ी सभा को संबोधित करेंगे। पूर्वी राज्यों में भाजपा प्रादेशिक दलों की चुनौती भी झेल रही है। बंगाल और ओडिशा में मुख्य विपक्ष के तौर पर पार्टी खुद को साबित करने में लगी है तो झारखंड और बिहार में क्षेत्रीय दलों के सहयोग से सत्ता में है।

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बलियापुर में उमड़ी भीड़ किसी भी नेता का उत्साह बढ़ाने के लिए काफी है। यहां चारों ओर से लोग आए थे और बंगाल से भी। मोदी ने अपने संबोधन में एक बार विपक्षी दलों की बात तो की लेकिन निशाना आम मतदाता ही रहे। अब जरा बिहार, झारखंड, बंगाल और ओडिशा के सामाजिक हालात को देखिए। सीधे तौर पर किसानों की बड़ी आबादी के बीच विकास से वंचित समाज का एक बड़ा हिस्सा इन राज्यों में रह रहा है। बरौनी और सिंदरी खाद कारखाने जहां किसानों के लिए उम्मीद बांध रहे हैं वहीं उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना आदि कई स्कीम गरीबों को आकर्षित कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने क्लीन एनर्जी की बात भी की और बताया कि आनेवाले दिनों में लाखों घरों में सोलर पावर से संचालित चूल्हे दिए जाएंगे। निशाना सही जगह पर लगा भी। भीड़ में महिलाओं की संख्या पुरुषों से कतई कम नहीं थी और रसोई में धुएं से आजादी की बात किसे नहीं भाएगी। लगभग 28 मिनट के अपने भाषण में मोदी ने वंचित लोगों को दो बार याद दिलाया कि पूर्व में शासन में रही पार्टियों के लोग उनसे दूरी बनाते रहे और अब ताक-झांक करने पहुंच रहे हैं। मोदी का यही लहजा इस वर्ग को भाता है। सभा में उत्साहित भीड़ को देखकर यह बात समझ में भी आ रही थी कि इस क्षेत्र में मोदी मैजिक अभी और चलेगा, जादू आगे भी दिखेगा।


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