हत्या की जिम्मेदारी ले चुके तीन गिरोह, असली कातिल कौन?
धनबाद छह माह की दोस्ती और उसी दोस्त के साथ मिलकर हत्या की साजिश। चौकिए नहीं। यही हुआ भाजपा नेता सतीश सिंह हत्याकांड में। इस हत्याकांड में कृष्णा दास व शूटर के रूप में चिन्हित सतीश साव की दोस्ती महज छह माह की थी लेकिन इसी छह माह में दोनों ने मिलकर इतनी बड़ी साजिश की।
धनबाद : छह माह की दोस्ती और उसी दोस्त के साथ मिलकर हत्या की साजिश। चौकिए नहीं। यही हुआ भाजपा नेता सतीश सिंह हत्याकांड में। इस हत्याकांड में कृष्णा दास व शूटर के रूप में चिन्हित सतीश साव की दोस्ती महज छह माह की थी, लेकिन इसी छह माह में दोनों ने मिलकर इतनी बड़ी साजिश की। इसके पीछे और कौन लोग थे इसका खुलासा तो जांच के बाद ही संभव है, लेकिन पुलिस भी मानती है कि कृष्णा दास व सतीश साव की दोस्ती पुरानी नहीं, छह की है। कृष्णा दास पहले किराये पर अपनी गाड़ी चलाता था। समीर की हत्या में गिरफ्तार एक शूटर रविरंजन ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया था कि सतीश साव के साथ वह जयमंगल हाजरा की का जमीन बेचवाने का काम करता था। जयमंगल हाजरा फिलहाल रंगदारी के एक मामले में धनबाद जेल में बंद है। उसने उसे समीर मंडल की हत्या के लिए पांच लाख की सुपारी दी थी। जयमंगल हाजरा ने उनलोगों को लालच दिया था कि समीर की हत्या करने पर वह दोनों को अपने जमीन कारोबार में सांझेदार बना लेगा। इसके बाद ही दोनों ने मिलकर समीर की हत्या की थी। इसी तरह इस घटना के पीछे कौन है। इसका पता लगाना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे तो पुलिस के पास सतीश की हत्या की जिम्मेवारी लेनेवाले तीन-तीन लोगों ने मैसेज भेजा है, पर सभी मैसेज को पुलिस रंगदारी वसूली का जुगाड़ मान रही है। पहले तो घटना को लेकर धनबाद जेल में बंद नीरज सिंह हत्याकांड के शूटर अमन के इशारे पर हत्या होने की सूचना पुलिस तक पहुंची। इसके बाद घाघीडीह जेल से राजेश चौहान के द्वारा हत्या करवाने की सूचना पुलिस को मिली। अब पुलिस को घाघीडीह जेल में बंद सुजीत सिन्हा के द्वारा हत्या करवाने की सूचना भेजी जा रही है।