Move to Jagran APP

430 गांवों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की है योजना, लेकिन चार साल में 55 फीसद काम भी नहीं

729 करोड़ की गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर ग्रहण लगता दिख रहा है। मैथन और पंचेत डैम से गोविंदपुर व निरसा के 430 गांवों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की यह महत्वाकांक्षी योजना चार साल का कार्य अवधि खत्म होने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 11:12 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 11:12 AM (IST)
430 गांवों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की है योजना, लेकिन चार साल में 55 फीसद काम भी नहीं
कंपनी को कभी भी टर्मिनेट किया जा सकता है।

श्रवण कुमार, मैथन: 729 करोड़ की गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना पर ग्रहण लगता दिख रहा है। मैथन और पंचेत डैम से गोविंदपुर व निरसा के 430 गांवों में पाइप लाइन से पानी पहुंचाने की यह महत्वाकांक्षी योजना चार साल का कार्य अवधि खत्म होने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।

loksabha election banner

एकरारनामा के तहत योजना का निर्माण कर रही टहल कंपनी को पिछले साल दिसंबर तक कार्य पूरा कर देना था, लेकिन अभी तक ठीक से 55 फीसद कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है। मैथन और पंचेत डैम में बनने वाले इंटेकवेल का निर्माण तक शुरू नहीं हुआ है । कंपनी ने इंटकवेल निर्माण के लिए फाइनल प्राक्कलन तक तैयार कर नहीं दिया है। कलियासोल के पाथरकुआं व निरसा के देवियाना में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी पूरा नहीं हुआ है। देवियाना में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का कार्य वे तत्काल बंद है। 430 गांवों में जलापूर्ति पाइप लाइन बिछाने का कार्य ठीक से आरंभ नहीं हुआ है। निरसा गोविंदपुर मेगा जलापूर्ति योजना की धीमी गति पेयजल विभाग निर्माण कंपनी टहल से काफी असंतुष्ट है। कंपनी को कार्य में तेजी लाने की अंतिम चेतावनी दी गई है। कार्य में सुधार नहीं होने पर कंपनी को टर्मिनेट कर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, रांची मुख्यालय से इसकी तैयारी चल रही है। कंपनी को कभी भी टर्मिनेट किया जा सकता है।

मैथन व पंचेत डैम से 430 गांवों को उपलब्ध कराना है पेयजल: गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना के माध्यम से मैथन व पंचेत डैम से 430 गांवों तक पेयजल उपलब्ध कराना है। योजना की निविदा टहल कंपनी को मिली है। इस योजना को दो भाग उत्तर व दक्षिण में बांटा गया है। गोविंदपुर-निरसा उत्तर से मैथन डैम से 301 गांव और दक्षिण से पंचेत डैम से 129 गांव में जलापूर्ति की योजना है। उत्तरी भाग का इंटेकवेल मैथन डैम व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट देवियाना में होगा। वाटर ट्रीटमेंट से 62 एमएलडी जलापूर्ति की क्षमता होगी। निरसा में पांच व गोविंदपुर में 12 जलमीनार होगी। वहीं दक्षिणी भाग का इंटेकवेल पंचेत डैम व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पाथरकुआं में होगा। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से 32 एमएलडी जलापूर्ति की क्षमता होगी। इसमें 12 जलमीनार होगी।

निर्माण में लगी कंपनी दो साल का चाह रही कार्य विस्तार: निरसा और गोविंदपुर के ग्रामीण इलाकों में घर घर मैथन और पंचेत डैम से पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने के लिए वर्ष 2016 में निर्माण शुरू कराया गया। एकरारनामा के अनुसार, कंपनी को वर्ष 2020 के अंत तक कार्य पूरा कर देना था, लेकिन अभी तक अभी तक मुश्किल से आधा काम ही पूरा हो पाया है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी कार्य पूरा करने के लिए दो साल का समय विस्तार चाह रही है, लेकिन 3 या 6 महीने से अधिक समय का विस्तार देना विभाग के लिए संभव नहीं है। वह भी तब, जब थोड़ा बहुत काम बचा हो। यहां तो तकरीबन 50 फीसद काम बचा हुआ है। राज्य मंत्रिमंडल से ही अधिक समय विस्तार दिया जा सकता है। कंपनी को एकरारनामा का समय खत्म होने के बाद कोई विस्तार नहीं दिया गया है।

इंटेकवेल का निर्माण आरंभ नहीं होना सबसे बड़ा अड़ंगा: इस महत्वाकांक्षी योजना के समय से पीछे होने का महत्वपूर्ण कारण अभी तक इंटेक्वेल का निर्माण शुरू नहीं होना है। इस योजना में फ्लोटिंग इंटेकवेल बनाने की योजना है, जिसकी प्रशासनिक स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। इंटेकवेल के निर्माण में जितना विलंब होगा, योजना पूर्ण होने में उतनी ही देरी होगी।

इस संबंध में पेयजल विभाग धनबाद के एसडीओ मोहन मंडल बताते हैं कि गोविंदपुर-निरसा मेगा ग्रामीण जलापूर्ति योजना का कार्य 55 प्रतिशत के आसपास ही पूरा हो पाया है। कंपनी का कार्य संतोषजनक नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.