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खनन कार्यो की अनुमति देने का बेस बनेगा डीसीआर

बालू को छोड़कर धनबाद जिले में स्थित लघु खनिजों की उपलब्धता की खोज की जाएगी। इसके आधार पर ही भविष्य में खनन कार्यो की अनुमति दी जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 May 2018 11:49 AM (IST)Updated: Sun, 13 May 2018 11:49 AM (IST)
खनन कार्यो की अनुमति देने का बेस बनेगा डीसीआर

मृत्युंजय पाठक, धनबाद: बालू को छोड़कर धनबाद जिले में स्थित लघु खनिजों की उपलब्धता की खोज की जाएगी। इसके आधार पर ही भविष्य में खनन कार्यो की अनुमति दी जाएगी। लघु खनिजों के भंडार का डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट (डीसीआर) तैयार करने के लिए जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण धनबाद ने एजेंसी बहाल करने का निर्णय लिया है। साथ ही लघु खनिजों के अवैध खनन पर भी अंकुश लगेगा।

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दरअसल, अधिकतर जगह बिना पर्यावरणीय नियमों की परवाह किए लघु खनिजों का खनन व ढुलाई कार्य किए जाते हैं। इसे देखते हुए वन, पर्यावरण एवं जलवायु मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशानुसार झारखंड सरकार ने जिलों में बालू को छोड़कर लघु खनिजों की उपलब्धता का सर्वेक्षण करने का फैसला लिया है। सरकार यह जानना चाहती है कि हाल के वषरें में इन लघु खनिजों का कितना उत्खनन हुआ है। लंबे खनन के बाद अब क्या स्थिति है। एनजीटी की रोक हटने के बाद खनन क्षेत्रों से कितना लघु खनिज निकाला गया। राज्य सरकार के निर्देश पर उपायुक्त सह जिला स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (डीईआइएए) के अध्यक्ष आंजनेयुलु दोड्डे ने धनबाद जिले का डीसीआर तैयार करने के लिए एजेंसी बहाल करने की प्रक्रिया शुरू की है। बहाल की जाने वाली एजेंसी लघु खनिजों की उपलब्धता की रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही भविष्य में खनन कायरें की अनुमति दी जाएगी। धनबाद में मुख्य रूप से लघु खनिज के रूप में पत्थर, फायर क्ले, चाइना क्ले, मोरम, क्वार्टज आदि उपलब्ध हैं।

एजेंसी चयन की कवायद तेज: डीएसआर तैयार करने में सक्षम संस्थान-एजेंसी 31 मई तक एसडीएम धनबाद के कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी के समक्ष 1 जून को लिफाफे में बंद आवेदन पत्र खोले जाएंगे। पांच वर्ष का कार्यानुभव वाली एजेंसी को डीएसआर तैयार करने की जिम्मेवारी सौंपी जाएगी। चयनित एजेंसी जिला अंतर्गत उपलब्ध खनन क्षेत्र, खनन कार्य हेतु उपयुक्त क्षेत्र एवं खनन के निषिद्ध क्षेत्र का जियो रिफ्रेंस ब्लॉक तैयार करेगी। खनन हेतु वर्णित क्षेत्र का विवरण देते हुए प्रत्येक लघु खनिज के लिए क्षेत्रीय आकलन कर डीएसआर तैयार कर डीईआइएए धनबाद को प्रस्तुत करेगी।

''डिस्ट्रिक्ट सर्वे रिपोर्ट (डीसीआर) तैयार होने से लघु खनिजों का भंडार पता चलेगा। लघु खनिजों का प्रकार, उसकी उपलब्धता और रकवा का पूरा ब्योरा ग्राम, खाता, प्लॉट, चौहदी के साथ उपलब्ध होगा। रिपोर्ट के आधार पर पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए खनन के लिए पंट्टा आवंटित होगा। अवैध खनन रोकने में भी मदद मिलेगी।''

- प्रदीप कुमार, जिला खनन पदाधिकारी।


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