LockDown : 100 साल में पहली बार बंद रहा संत एंथोनी चर्च, गुड फ्राइडे पर लोगों ने की घरों में प्रार्थना Dhanbad News
100 साल में ऐसा पहली बार है जब संत एंथोनी चर्च बंद है। यहां चर्च के बाहर नोटिस चिपका दिया गया है जिसमें कोरोना को देखते हुए घर में ही प्रार्थना करने का आग्रह किया गया है।
धनबाद, जेएनएन। लॉकडाउन के कारण शहर के चर्च बंद हैं। इसके कारण गुड फ्राइडे के दिन इसाई धर्म के लोगों ने प्रभु यीशु को घरों से ही याद किया व प्रार्थना की। 100 साल में ऐसा पहली बार है जब संत एंथोनी चर्च बंद है। यहां चर्च के बाहर नोटिस चिपका दिया गया है, जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए घर में ही प्रार्थना करने का आग्रह किया गया है।
बता दें कि धनबाद शहर में दो प्रमुख चर्च हैं। संत एंथोनी और संत मेरी चर्च। गुड फ्राइडे के मौके पर दोनों बंद हैं। कोरोना के कहर को देखते हुए एहतियात के तौर पर चर्च को बंद रखा गया है। संत मेरी चर्च से जुड़े जॉय हेम्ब्रम बताते हैं कि इस महामारी से मानव जाति को बचाना आज सबसे बड़ी चुनौती है। प्रभु यीशु से इस बार यही प्रार्थना है कि उनके पुर्नजीवन के साथ यह संकट का दौर भी समाप्त हो। संत एंथोनी चर्च से जुड़े एसपी तिर्की बताते हैं कि धर्माध्यक्षों ने साफ तौर पर घर में रहकर प्रार्थना करने की बात कही गई है। समुदाय के लोग इसका पालन कर रहे हैं।
संत एंथोनी चर्च के फादर ज्ञान प्रकाश टोपनो ने बताया कि धनबाद में चर्च की स्थापना 1920 में हुई थी। यह शताब्दी वर्ष है। प्रत्येक साल गुड फ्राइडे के मौके पर चर्च में क्रुस रास्ता का आयोजन किया जाता है। इस दौरान समुदाय के लोगों की काफी भीड़ होती है। सबकी सुरक्षा को लेकर चर्च आने की मनाही की गई है।
गौरतलब है कि ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे का दिन प्रभु ईसा मसीह को याद करने और प्रार्थनाएं करने का दिन माना जाता है। इस खास दिन को गुड फ्राइडे, होली फ्राइडे, ग्रेट फ्राइडे और ब्लैक फ्राइडे के नाम से भी पुकारा जाता है। इस बार गुड फ्राइडे 10 अप्रैल को मनाया गया। माना जाता है कि इस दिन जीजस को सूली पर चढ़ाया गया था। यही वजह है कि ईसाई धर्म के लोग इस दिन को सेलिब्रेट करने की जगह व्रत रखकर चर्च में सिर्फ प्रार्थनाएं करते हैं।