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4.60 लाख कोल कर्मियों की पेंशन स्कीम में होगा बदलाव

कोल माइंस भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) कोल कर्मियों की पेंशन स्कीम में बदलाव की तैयारी में है।

By SunilEdited By: Published: Sun, 07 Jul 2019 01:46 PM (IST)Updated: Sun, 07 Jul 2019 01:46 PM (IST)
4.60 लाख कोल कर्मियों की पेंशन स्कीम में होगा बदलाव
4.60 लाख कोल कर्मियों की पेंशन स्कीम में होगा बदलाव

धनबाद, जेएनएन। कोल माइंस भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) कोल कर्मियों की पेंशन स्कीम में बदलाव की तैयारी में है। इसको लेकर चार बार सीएमपीएफ प्रबंधन ने कोल मंत्रालय के संयुक्त सचिव बीके पाति के साथ बैठक भी हुई है। जल्द ही पूरे मामले को बोर्ड ऑफ ट्रस्टी में रखने की तैयारी है। एक्चुअरी केएन पंडित की रिपोर्ट मिलने के बाद सीएमपीएफ के प्रभारी आयुक्त सह कोयला मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार अनिमेष भारती ने इस पर कदम आगे बढ़ा दिया है। रिपोर्ट में कोल कर्मियों की पेंशन दस माह के वेतन औसत से बढ़ाकर तीस माह करने का सुझाव दिया गया है। साथ ही रिपोर्ट में न्यूनतम व अधिकतम पेंशन भुगतान तय करने को भी कहा गया है।

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मालूम हो कि पेंशन स्कीम अप्रैल 1998 में लागू की गई थी। कोल माइंस भविष्य निधि संगठन में कुल सदस्यों की संख्या 9 लाख 39 हजार है। रिटायर हो गए 4.71 लाख सदस्यों को पेंशन मिलती है। अन्य 4.60 लाख कोल कर्मी भी कोल माइंस भविष्य निधि संगठन के सदस्य है। दसवें वेतन समझौते में भी पेंशन को दस माह की अवधि की जगह तीस माह के औसत से तय करने के पर सहमति दे दी गई है। इधर सीएमपीएफ के प्रभारी आयुक्त अनिमेष भारती ने चार सदस्यीय स्टडी कमेटी का गठन किया है। स्टडी कमेटी में आयुक्त स्तर के अधिकारीं एके सिन्हा, एके सिंह, एसके सिन्हा, नवीन कुमार को रखा गया है। जो पूरे मामले का अध्ययन कर रिपोर्ट देंगे।

अंशदान बढ़ाने पर एक हजार करोड़ की राशि होगी जमा : दसवें वेतन समझौते के तहत कोल इंडिया का सात व कोल कर्मियों का अतिरिक्त 2.1 फीसद मिलाकर कुल 9.1 फीसद अंशदान पेंशन फंड में बढ़ेगा। सब कुछ ठीक रहा तो सालाना करीब एक हजार करोड़ इस मद में जमा होने की उम्मीद है। कोल कर्मियों के पेंशन फंड में अब 14 फीसद अंशदान जमा होगा। पहले 4.9 फीसद अंशदान ही जमा होता था। नए वेतन समझौते के तहत कोल इंडिया व कोल कर्मियों को हर साल सात-सात फीसद का अंशदान देना होगा। मौजूदा समय में स्थिति यह है कि कोल कर्मियों को 73 रुपये से लेकर 45 हजार तक पेंशन मिलती है। इसलिए न्यूनतम व अधिकतम पेंशन की समय सीमा तय होना जरूरी है।

राशि शून्य होने का खतरा : एक्चुअरी पंडित की रिपोर्ट के अनुसार 2023 तक पेंशन फंड की राशि शून्य होने का खतरा है। हर माह पेंशन मद में 191.14 करोड़ का भुगतान हो रहा है। पेंशन फंड में अभी करीब 13383 करोड़ जमा हैं। तीस वर्ष तक पेंशन चलाने के लिए 58 हजार करोड़ की जरूरत है। 2020-21 में पेंशन फंड घटकर करीब 2479 करोड़ रुपये ही रह जाएगा।

ये हैं कोल इंडिया की इकाई : बीसीसीएल, ईसीएल, सीसीएल, एमसीएल, एसईसीएल, डब्लुसीएल, एनईसी, सीएमपीडीआइएल। कोल इंडिया की ये कंपनियां झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि प्रदेशों में हैं। 


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