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Shaharnama Dhanbad: भागो... भागो... आ गया टाइगर, डर से पियक्कड़ों के पैंट हो गए गीले; स्वजनों ने इस तरह छुड़ाया पिंड

Dhulu Mahto एक दिन श्रम अधीक्षक ने कड़ा प्रतिवाद किया तो पियक्कड़ ठेकेदारों ने कूटने की नीयत से अगवा करने का प्रयास किया। उसी दौरान श्रम अधीक्षक ने विधायक ससुर को फोन कर दिया। ढुलू इतने दबंग है कि नाम ही काफी है। कालोनी में खलबली मच गई।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 10:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 12:50 PM (IST)
बाघमारा विधायक ढुलू महतो ( फाइल फोटो)।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। बाघमारा से भाजपा के विधायक ढुलू महतो के दामाद प्रवीण कुमार श्रम अधीक्षक हैं। नियोजनालय परिसर में ही आवास है। आवास बोर्ड की कालोनी के कुछ उदंड युवक और ठेकेदार अक्सर नियोजनालय परिसर में घुस जाते थे। सिगरेट के धुएं का छल्ला उड़ाते। मन किया तो बोतल खोल लिया। एक दिन श्रम अधीक्षक ने कड़ा प्रतिवाद किया तो युवकों और ठेकेदारों ने कूटने की नीयत से अगवा करने का प्रयास किया। उसी दौरान श्रम अधीक्षक ने विधायक ससुर को फोन कर दिया। ढुलू इतने दबंग है कि नाम ही काफी है। धनबाद में टाइगर के नाम के विख्यात हैं। तुरंत ढुलू महतो आए। आवासीय कालोनी में खलबली मच गई। युवकों के स्वजन को संदेश गया कि नियोजनालय परिसर में युवकों के साथ हाजिर हो। ढुलू का तमतमाया चेहरा देख होश उड़ गए। सबने दामाद बाबू से माफी मांगी। मौजूद लोग बतिया रहे थे, 'बिच्छू का मंतर जानते नहीं और सांप के बिल में डाल दिए हाथ दिया।'

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महंगाई को मार दो छठी मइया

हीरापुर का व्यस्त बाजार। छठ पूजा में प्रसाद बनाने के लिए आम की लकड़ी बिक रही है। 25 रुपये किलो। कोयरीबांध की पूजा देवी समेत कुछ महिलाएं छठ पूजा का सामान खरीदने आयी थी। लकड़ी का दाम सुना तो तपाक से बोली कि पिछले साल तो 10 रुपये किलो मिला था। इत्ता दाम। सूप खरीदने के लिए आगे बढ़ गई। बढिय़ा सूप भी 60 रुपये से कम नहीं था। इसी दौरान आम की लकड़ी भी खोजती रही। एक जगह मिला भी तो 35 रुपये किलो। पूजा देवी सर पकड़ ली। वापस आकर 25 रुपये किलो के भाव से आम की सूखी लकड़ी खरीदी। उनकी एक सखी ने लहठी की चूड़ी देखने की इच्छा जाहिर की। चूड़ी का कोई सेट दो सौ से कम न दिखा। पूजा देवी ने वही पर मन्नत मांगी, हे छठी मइया महंगाई डायन को मार डालो। गरीब का भला होगा।

पंचायत की राजनीति में लगा मगज

सिंदरी से भाजपा विधायक रहे फूलचंद मंडल अभी झामुमो में हैैं। पूर्व विधायक। बूढ़े हैैं। तो क्या। राजनीति तो नहीं छोड़ सकते। उनकी बहू माया देवी जिला परिषद की पहली अध्यक्ष थी। जल्द पंचायत चुनाव होना है। फूलचंद बहू को फिर जिला परिषद की अध्यक्षा बनाना चाहते हैैं। फूलचंद अपने राजनीतिक शिष्य मोहन कुम्हार की भी पीठ ठोंक रहे हैैं। मोहन के परिवार से भी कोई न कोई चुनाव लड़ेगा। मोहन के पिता की पुण्यतिथि पर सांसद पीएन सिंह और झामुमो विधायक मथुरा महतो गए थे। सियासत गरमा गई। जहां मोहन दिमाग लगा रहे हैैं, वही से झामुमो नेता दुर्योधन चौधरी की बहू भी चुनाव लड़ सकती हैैं। इधर, जिला परिषद के वर्तमान अध्यक्ष रोबिन गोराई का निर्वाचन क्षेत्र भी महिला आरक्षित हो चुका है। उनकी पत्नी अनिता की महिमा सब जानते हैैं। वे पति की जगह लेना चाहती है। कुर्सी एक, दावेदार अनेक।

आप सब विश्व में छा गए गुरू

सिंफर निदेशक प्रदीप कुमार सिंह को कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने विश्व के शीर्ष विज्ञानियों की सूची में स्थान दिया है। सिंफर के ही मुख्य विज्ञानी डाक्टर गौतम बनर्जी, डाक्टर अभय कुमार सिंह और वरीय प्रधान विज्ञानी और सेवानिवृत हो चुके डाक्टर पी पाल राय में विश्व स्तर पर छा गए हैैं। सिंफर निदेशक ने वाराणसी के काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय में पढ़ाई की है। खनन और धातु कर्म में शोध के लिए विश्व स्तर पर सम्मान पाने पर सिंफर निदेशक के मित्रों ने संपर्क किया। कइयों के मिजाज बिल्कुल बनारसी। बोले कि दुनिया भर में छा गए गुरू। सिंफर के चार और गुरुओं को भी खूब शाबाशी मिली। जाहिर है, विश्व स्तर पर मिले सम्मान ने इन विज्ञानियों पर दबाव बढ़ा दिया है कि वे ऐसे और शोध करें जो मानव जीवन को सहज और सरल बनाने में मददगार हो। सबको इंतजार रहेगा।


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