वार्ता के बाद आउटसोर्सिग मजदूरों का आंदोलन समाप्त
ईसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत चापापुर 10 नंबर ओसीपी में कार्यरत टाइकान इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड आउटसोर्सिग कंपनी द्वारा मजदूरों का तीन माह का वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में चक्का जाम आंदोलन के दूसरे दिन रविवार को प्रबंधन द्वारा सुरक्षाकर्मियों के बल पर जबरन कोलियरी को चालू करवाने का प्रयास किया।
संवाद सहयोगी, निरसा : ईसीएल मुगमा क्षेत्र अंतर्गत चापापुर 10 नंबर ओसीपी में कार्यरत टाइकान इंडस्ट्री प्राइवेट लिमिटेड आउटसोर्सिग कंपनी द्वारा मजदूरों का तीन माह का वेतन का भुगतान नहीं किए जाने के विरोध में चक्का जाम आंदोलन के दूसरे दिन रविवार को प्रबंधन द्वारा सुरक्षाकर्मियों के बल पर जबरन कोलियरी को चालू करवाने का प्रयास किया। जिससे आउटसोर्सिग मजदूर हो एवं ईसीएल के सुरक्षाकर्मियों एवं पदाधिकारियों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मजदूरों के जबरदस्त विरोध के कारण ईसीएल प्रबंधन को अपने पैर पीछे खींचने पड़े। ईसीएल प्रबंधन ने मजदूरों को आश्वस्त किया कि टायकून कंपनी के प्रबंधन के लोग आ रहे हैं। आप लोगों के साथ वार्ता के बाद कोलियरी चालू किया जाएगा। लेकिन मजदूर कोलियरी के मुख्य रास्ते पर धरना पर बैठे हुए थे। बाद में इसीएल प्रबंधन की अध्यक्षता में टायकून के साइट मैनेजर दीपांजन बनर्जी के साथ मजदूरों के वार्ता हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि मार्च माह का 15 दिन का बकाया वेतन का भुगतान पांच एवं छह अक्टूबर को कर दिया जाएगा। साथ ही जून महीने का 15 दिन का वेतन एवं अगस्त एवं सितंबर महीने का पूरा वेतन का भुगतान 30 सितंबर तक मजदूरों को कर दिया जाएगा। इसके बाद मजदूरों ने आंदोलन वापस लिया तथा काम पर वापस लौटे। वार्ता में ईसीएल मुगमा क्षेत्र के उप महाप्रबंधक डी रामा, बीजीएच ग्रुप के अभिकर्ता उमेश पंडित, चापापुर कोलियरी प्रबंधन अर्जुन प्रसाद मौजूद थे। आउटसोर्सिंग कंपनी में कार्यरत मजदूर देवा मरांडी, संजीत रजक, चंदन मंडल, लखिदर सोरेन, विमल रवानी, करीम अंसारी, विजय कर्मकार इत्यादि ने बताया कि कंपनी द्वारा मार्च माह का 15 दिन के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। और तो और जून माह का भी मात्र 15 दिन का वेतन का भुगतान किया गया है। जबकि जुलाई एवं अगस्त माह का पूरे माह के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में हम लोग कैसे काम कर सकते हैं। दुर्गा पूजा आने वाला है। परंतु दुर्गा पूजा में मजदूरों को कितनी राशि बोनस का भुगतान किया जाएगा। इस संबंध में प्रबंधन द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। मजबूर होकर हम सभी मजदूरों ने अनिश्चित काल के लिए काम का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। रविवार को ईसीएल प्रबंधन जबरन कोलियरी चालू करवाना चाह रहा था। अगर ईसीएल प्रबंधन इस दिशा में आउटसोर्सिंग कंपनी पर शुरू से ही दबाव बनाती तो हम लोगों के वेतन का भुगतान नियमित होता।