Gang waterway: झारखंड-पश्चिम बंगाल के राजमहल और मानिकचक घाट के बीच जलयान संचालन बंद, हजारों हलकान
झारखंड के राजमहल अनुमंडल के राजमहल उधवा तालझारी आदि प्रखंड के हजारों लोग हाट-बाजार व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मालदा जिले पर निर्भर हैं। फरक्का होकर सड़क मार्ग से जाने में काफी समय लगता है। लोग जलयान से ही गंगा पार कर मानिकचक घाट पहुंचते हैं।
साहिबगंज, जेएनएन। कलकत्ता हाई कोर्ट ने झारखंड के साहिबगंज जिले के राजमहल से पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के मानिकचक के बीच जलयानों के संचालन का टेंडर रद कर दिया है। पश्चिम बंगाल के एक व्यक्ति ने अक्टूबर, 2019 में हुई टेंडर प्रक्रिया को हाई कोर्ट में चुनौती थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह कार्रवाई की है। पूर्व में हुए टेंडर की वैधता 31 दिसंबर, 2020 तक ही थी। इस वजह से एक जनवरी, 2021 से राजमहल-मानिकचक के बीच जलयानों का संचालन बंद कर दिया गया। इससे हजारों लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
अक्टूबर, 2020 में राजमहल के मेसर्स आरके सिंह एवं अन्य ने सर्वाधिक बोली लगाकर डाक अपने नाम किया था। यह कंपनी करीब नौ साल से इस घाट से सफलतापूर्वक जलयानों का संचालन कर रही थी। यहां अगले तीन साल के लिए डाक हुआ था। इधर, जलयानों का संचालन बंद होने से साहिबगंज जिले के राजमहल व उधवा प्रखंड क्षेत्र के लोगों की परेशानी बढ़ गई है। शुक्रवार को लोगों ने जान जोखिम में डालकर नाव के सहारे यात्रा की। नाविकों ने पैसे के लोभ में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठा लिया। नाव पर ओवरलोड के कारण हमेशा हादसे की आशंका बनी रहती है।
झारखंड के राजमहल अनुमंडल के राजमहल, उधवा, तालझारी आदि प्रखंड के हजारों लोग हाट-बाजार व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मालदा जिले पर निर्भर हैं। फरक्का होकर सड़क मार्ग से जाने में काफी समय लगता है। लोग जलयान से ही गंगा पार कर मानिकचक घाट पहुंचते हैं और वहां से विभिन्न वाहनों से गंतव्य तक पहुंचते हैं। ऐसे में जलयान संचालन बंद होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।