राहगीर को रौंदते हुए निकल गया मंत्री का काफिला, घायल का हाल लेना भी मुनासिब नहीं समझे हाजी हुसैन
कल्याण मंत्री हाजी हुसैन गिरिडीह से रांची जा रहे थे। मधुबन थाना क्षेत्र के धावाटांड़ के पास मंत्री के काफिले की चपेट में आकर रसीलाल हांसदा घायल हो गया।
डुमरी, जेएनएन। झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन पर लगता है कुछ ज्यादा ही सत्ता का नशा सवार हो गया है। एक ओर जहां हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बनने के बाद ट्विटर पर प्राप्त हो रही सूचना-शिकायतों के प्रति संवेदनशीलता दिखाते हुए त्वरित कार्रवाई का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दे रहे हैं दूसरी तरफ बुधवार को उन्हीं के मंत्री हाजी हुसैन ने हद पार कर दी। मंत्री के काफिला की चपेट में एक आदिवासी आ गया है। उसे इलाज के लिए अस्पताल भिजवाने के बजाय सड़क पर तड़पता हुआ छोड़ मंत्री निकल पड़े। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है।
गिरिडीह से रांची जा रहे थे मंत्री
झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन बुधवार को अपने काफिले के साथ गिरिडीह से रांची जा रहे थे। मधुबन थाना क्षेत्र के धावाटांड़ के पास मंत्री के काफिले की चपेट में आकर रसीलाल हांसदा गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डुमरी थाना क्षेत्र की खुद्दीसार पंचायत के कारीपहरी निवासी रसीलाल हांसदा दो रिश्तेदारों के साथ बाइक से डुमरी से अपने घर वापस आ रहे थे। धावाटांड़ के पास लघु शंका के लिए बाइक खड़ी की। वह सड़क पार कर रहे थे। तभी गिरिडीह की ओर आ रहे मंत्री के काफिले की एक गाड़ी की चपेट में आ गए। वह सड़क पर गिर कर छटपटाने लगा। यह देख मंत्री का काफिला बगैर रूके निकल पड़ा। घायल को स्थानीय लोगों ने पुलिस के सहयोग से रेफरल अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक इलाज के बाद पीएमसीएच धनबाद भेज दिया गया।
सड़क पर तड़पता रहा रसीलाल हांसदा
छछंदो मुखिया रूपानी देवी, भाजयुमो नेता दीपक श्रीवास्तव, महेंद्र महतो, अशोक राय, बासुदेव सिंह, चिंटू लहरी आदि ने आरोप लगाया कि इतनी बड़ी घटना हो गई बावजूद मंत्री ने काफिला नहीं रुकवाया। जो दुखद है। एक हमारे स्थानीय विधायक सह शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो हैं, जिन्हें यदि कोई घायल अवस्था में मिलता है तो स्वयं अपने वाहन से अस्पताल पहुंचाते हैं। कई ग्रामीण यह तक कहने से नहीं चूके, यह तो सत्ता की खुमारी है। घायलों को घायलों को अस्पताल पहुंचाने की सीख देने वाले खुद जब पालन न करें तो इसे आप क्या कहेंगे। इस मामले में मंत्री हाजी हुसैन का पक्ष लेने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली।