अब राजगंज से पुरुलिया तक की यात्रा होगी आसान
आशीष अंबष्ठ, धनबाद : राष्ट्रीय राजमार्ग 32 के राजगंज-चास-पुरुलिया से पश्चिम बंगाल सीमा तक 57 किमी स
जागरण संवाददाता, धनबाद : राष्ट्रीय राजमार्ग 32 के राजगंज-चास-पुरुलिया से पश्चिम बंगाल सीमा तक 57 किमी सड़क का निर्माण बंगाल सीमा से शुरू हो गया है। इस परियोजना की कुल लागत 486 करोड़ है। इसके निर्माण का ठेका अशोका बिल्डकॉन को दिया गया है। इसके लिए एनएच के साथ 2016 में ही करार किया गया था, पर कुछ अड़चनों के कारण काम शुरू नहीं हो पाया था। अब काम तेजी से चल रहा है और दिसंबर 2019 में काम पूरा करने का समय निर्धारित है। बता दें कि राजगंज से चास तक फोरलेन सड़क करीब 45 मीटर चौड़ी होगी। चास से लेकर पश्चिम बंगाल सीमा तक सड़क की चौड़ाई 30 मीटर टू लेन की होगी।
तेलमच्चो पुल का डिजाइन तैयार : धनबाद-बोकारो को जोड़ने के लिए दामोदर नदी पर 304 मीटर लंबा तेलमच्चो पुल बन रहा है। इसके अलावा कतरास के पास जमुनिया नदी पर एक पुल व चार आरओबी का डिजाइन भी तैयार कर लिया गया है।
जमीन अधिग्रहण की अड़चन दूर : भू-संपदा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धनबाद व बोकारो जिले में जमीन अधिग्रहण की अड़चन दूर कर ली गई है। राजगंज से पश्चिम बंगाल सीमा तक का क्षेत्र धनबाद व बोकारो जिला में है।
----
कहां-कहां बनना है पुल व आरओबी : राजगंज महुदा के बीच में जमुनिया नदी पर पुल, धनबाद व बोकारो तेलमच्चो में दामोदर नदी पर 304 मीटर लंबा पुल, आरओबी महुदा, सोनारडीह, कतरास के अलावा कई जगहों पर छोटी पुलिया का निर्माण होना है।
--------
तेलमच्चो व काशी झरिया में प्लांट लगा दिया गया है। पुल व आरओबी का डिजाइन उपलब्ध करा दिया गया है। करीब 15 फीसद तक काम हुआ है और दिसंबर 2019 तक पूरा होने की संभावना है। कतरास के पास रेलवे ब्रिज के पास अंडर पास व आरओबी का निर्माण भी किया जाएगा।
- आरबी झा, प्रबंधक, तकनीकी एनएच
--------------------- बड़े हादसे को आमंत्रित कर रहा तेलमच्चो पुल
महुदा : धनबाद-बोकारो को जोड़ने वाले तेलमच्चो पुल की मरम्मत के छह महीने भी नहीं हुए कि स्थिति खराब हो गई है। पुल पर दर्जनों गढ्डे उभर आए हैं। इस रास्ते पर प्रतिदिन हजारों गाड़ियां गुजरती हैं। पिछले वर्ष मार्च में करीब छह महीने के लिए आवागमन पूरी तरह से बंद कर मरम्मत का काम किया गया था। सड़क परिवहन विभाग ने अगर शीघ्र ही इस पर ध्यान नहीं दिया, तो फिर से पुल को जर्जर होने से कोई नहीं बचा सकता। यह पुल एचईसीएल द्वारा 1985 में बनाया गया था। इसकी प्रत्येक 15 वर्षो में मरम्मत होनी थी, पर ऐसा नहीं हुआ। 4 मार्च 2017 को पुल के नीचे बै¨रंग व बुश क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उसमें कंपन होने लगा था, जिसके बाद उपायुक्त के आदेशानुसार आवागमन बंद कर दिया गया। सनफील्ड कंपनी द्वारा मरम्मत करने के बाद दशहरा से दो दिन पूर्व पुल को फिर से चालू कर दिया गया।