Move to Jagran APP

अग्नि व भू-धंसान प्रभावित इलाके को खाली करने का फिर मिला फरमान, जरेडा की निष्क्रियता से लोगों में आक्राेश Dhanbad News

अग्न व भू-धंसान क्षेत्रों के लोगों को इलाका खाली करने की नोटिस देने का सिलसिला जारी है। बीसीसीएल ने कई बस्तियों में नोटिस चिपका कर जल्द आवास खाली कर अन्यत्र चले जाने को कहा है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:41 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 08:44 PM (IST)
अग्नि व भू-धंसान प्रभावित इलाके को खाली करने का फिर मिला फरमान, जरेडा की निष्क्रियता से लोगों में आक्राेश Dhanbad News
अग्नि व भू-धंसान प्रभावित इलाके को खाली करने का फिर मिला फरमान, जरेडा की निष्क्रियता से लोगों में आक्राेश Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। अग्न व भू-धंसान क्षेत्रों के लोगों को इलाका खाली करने की नोटिस देने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा। बीसीसीएल के न्यू गोधर, कुसुंडा कोलियरी प्रबंधक ने 15 नंबर बस्ती, कुर्मीडीह, हरिजन बस्ती, मोची बस्ती, 25 नंबर गोधर बस्ती, तीन नंबर व चार नंबर गंसाडीह बस्ती में नोटिस चिपका कर लोगों को जल्द से जल्द आवास खाली कर अन्यत्र चले जाने को कहा है। ऐसा ही नोटिस एकीकृत जयरामपुर कोलियरी के प्रबंधक ने भी संबंधित शराफतपुर बरारी व बागडिगी बस्ती के आसपास के लोगों के लिए जारी किया है।

loksabha election banner

नोटिस में संबंधित क्षेत्रों को अग्नि प्रभावित व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र बताया गया है। प्रबंधन के मुताबिक इन इलाकों को झरिया मास्टर प्लान में असुरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है। कहा गया है कि बारिश का मौसम होने की वजह से इन इलाकों में कभी भी भू-धंसान हो सकता है। इससे जान-माल की हानि हो सकती है। लिहाजा वे सुरक्षित आवासों में चले जाएं।

आवासधारियों को बेलगढ़िया जाने का निर्देश : नोटिस में कहा गया है कि जरेडा के आवासधारी अपने आवंटित आवास में शिफ्ट करें ताकि उनकी सुरभा हो सके व जान-माल की हानि को रोका जा सके। ऐसा नहीं करने पर कोई हादसा होता है तो इसकी जवाबदेही बीसीसीएल के नहीं होगी।

जरेडा की निष्क्रियता से लोगों में पनप रहा आक्राेश, आखिर वे जाएं तो कहांः बीसीसीएल एक तरफ नोटिस देकर हजारों लोगों को आवास खाली करने को कह रही है। लेकिन वे जाएं कहां, यह नहीं बता रही। उनके पुनर्वास को लेकर बीसीसीएल व जिला प्रशासन की निष्क्रियता बनी हुई है। इससे लोगों में आक्रोश पनप रहा है। अग्नि व भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र के लोगों के पुनर्वास के लिए झरिया क्षेत्र पुनर्वास व विकास प्राधिकार (जरेडा) का गठन किया गया है। इसके मास्टर प्लान के तहत बेलगढ़िया में आवासों का निर्माण भी जारी है। लेकिन पिछले दो दिनों में जिन इलाकाें में नोटिस चस्पा किया गया है वहां 50 हजार के लगभग आबादी रहती है। जरेडा की परिभाषा के अनुसार इनमें अतिक्रमणकारी व रैयत दाेनाें ही हैं। रैयतों के लिए मुआवजा नीति को अभी मंजूरी ही नहीं मिली है। अतिक्रमणकारियों के आवास आवंटन की प्रक्रिया भी काफी धीमी है। जितने बड़े पैमाने पर लोगों को विस्थापित होने काे कहा जा रहा है उसके चाैथाई हिस्से के रहने की भी व्यवस्था प्रशासन, प्रबंधन के पास नहीं है।

पिछले वित्तीय वर्ष में मुआवजे पर बनी थी सहमति : पिछले वित्तीय वर्ष में हाई पावर कमेटी ऑन कोल (एचपीसीसी) की बैठक में दिए गए निर्देश के अनुसार जिला प्रशासन व बीसीसीएल प्रबंधन ने मुआवजा प्लान पर रैयताें के साथ संवाद स्थापित किया था। 14 जनवरी को बस्ताकोला में हुई जनसंवाद में रैयताें ने जरेडा के द्वारा बनाए भवन लेने से इन्कार करते हुए जमीन व मकान के एवज में नई दर से एकमुश्त मुआवजे की मांग की थी। इस बैठक की रिपाेर्ट के आधार पर एचपीसीसी ने रिवाइज्ड मास्टर प्लान बनाया जिसे राज्य सरकार काे भेजा गया है। इसके बाद इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।

रिवाइज्ड मास्टर प्लान के आधार पर ही मिलेगा मुआवजा : रैयतों को रिवाइज्ड मास्टर प्लान के आधार पर ही मुआवजा मिलेगा। हालांकि इस प्लान को राज्य सरकार यदि मंजूरी देती है तब उसे कोयला मंत्रालय भेजा जाएगा। मंत्रालय की मंजूरी के बाद इसे केंद्रीय कैबिनेट की समीक्षा काे भेजा जाएगा। कैबिनेट का मुहर लगने के बाद ही इस प्लान के तहत यह प्लान स्वीकृत माना जाएगा। फिर इसके आधार पर रैयताें को मुआवजा या पुनर्वास की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे। इस पूरी प्रक्रिया से पहले जरेडा को रैयतों की जमीन व भवन का मूल्यांकन करना हाेगा।

रैयताें के भवनों का मूल्यांकन भी नहीं हुआ : अग्नि व भू-धंसान प्रभावित इलाकाें के रैयताें काे मुआवजा देने के लिए उनकी जमीन व मकान का मूल्यांकन किया जाना था। रैयत जिस जमीन पर दावा कर रहे उसे जरेडा सही नहीं मान रहा। लिहाजा अंचलाधिकारी व बीसीसीएल से माैजा प्लान की मांग की गई थी ताकि उनका मिलान कर जमीन का मूल्यांकन किया जा सके। यह कार्य अभी तक नहीं हुआ है। दूसरी तरफ भवनाें के मूल्यांकन का भी काम किया जाना था जो अभी शुरू भी नहीं हो सका है।

अभी ताे सिर्फ उपायुक्त काे परिचय दिया गया है : बीसीसीएल जहां लोगों को उजाड़ने काे ताबड़ताेड़ नोटिस चिपका रही है वहीं पुनर्वास की प्रक्रिया की गति यह है कि पिछले कुछ महीनों में मात्र एक बैठक हुई है। वह भी नए उपायुक्त के खैरमकदम के लिए। इसमें जरेडा के पदाधिकारियों ने अपना और जरेडा का परिचय उपायुक्त को दिया।  चूंकि वे ही इसके मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, लिहाजा यह जरूरी था। चार अगस्त को हुई इस बैठक में माैजूदा या भावी योजनाओं पर कोई चर्चा नहीं हुई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.