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18 घंटे तक वासेपुर के मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस, चली गई जान

एंबुलेंस नहीं मिला तो रांची नहीं ले जा सके मरीज की मौत

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 10:48 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 10:48 PM (IST)
18 घंटे तक वासेपुर के मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस, चली गई जान
18 घंटे तक वासेपुर के मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस, चली गई जान

18 घंटे तक वासेपुर के मरीज को नहीं मिली एंबुलेंस, चली गई जान

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जागरण संवाददाता, धनबाद : जिले में मरीजों को समय पर निश्शुल्क एंबुलेंस सेवा 108 का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण वासेपुर के कमर मकदूमी रोड निवासी 50 वर्षीय सफीक अंसारी की शनिवार सुबह शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कालेज एंड अस्पताल में मौत हो गई। वे किडनी रोग से पीड़ित थे। गंभीर स्थिति को देखते हुए बुधवार 18 मई को अस्पताल के डाक्टर ने उन्हें रिम्स रेफर कर दिया था। इसके बाद मरीज के रिश्तेदार मो. शमशेर आलम समेत अन्य 108 एंबुलेंस को रात भर फोन करते रहे, लेकिन हर बार एंबुलेंस खाली नहीं होने की बात कही जाती रही। स्वजनों के अनुसार गुरुवार दिन में 11 बजे 108 एंबुलेंस से काल आया। तब तक मरीज की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी। रांची ले जाने लायक भी नहीं रहे। डाक्टरों ने भी कह दिया कि मरीज को कहीं ले जाने की स्थिति नहीं है। आखिरकार मरीज की मौत शुक्रवार रात को हो गई। स्वजनों ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रबंधन, सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह से की है। अपर मुख्य सचिव ने मामले में रिपोर्ट मांगी है।

108 एंबुलेंस के काल सेंटर ने फोन उठाना भी कर दिया बंद :

शमशेर आलम ने बताया कि बुधवार की रात वे लगातार एंबुलेंस के लिए फोन करते रहे। पहले तो 108 एंबुलेंस के काल सेंटर ने एंबुलेंस नहीं होने का हवाला दिया। इसके बाद फोन उठाना ही बंद कर दिया। आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से स्वजन मरीज को निजी एंबुलेंस से ले जाने की स्थिति में नहीं थे। समय पर बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण मरीज की तबीयत लगातार खराब होती चली गई। स्वजनों ने बताया कि यदि समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो मरीज की जान बचाई जा सकती थी।

108 एंबुलेंस के संचालक ने कहा बिजी था एंबुलेंस : धनबाद में 108 एंबुलेंस के संचालक अमित कुमार ने बताया कि मरीज के स्वजनों का फोन आया था, लेकिन उस समय कोई एंबुलेंस खाली नहीं था। इस वजह से सुबह में एंबुलेंस भेजने को कहा गया। सुबह में जब बात हुई, तब मरीज के स्वजनों ने एंबुलेंस लेने से मना कर दिया। दूसरी और मरीज के स्वजनों का कहना है कि 108 एंबुलेंस के संचालक झूठ बोल रहे हैं। धनबाद में लगभग 25 से ज्यादा 108 एंबुलेंस है, लेकिन इसे मरीजों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

मामला गंभीर है। इसकी जांच कराई जा रही है। 108 एंबुलेंस ने समय पर सहयोग नहीं किया।

डा. एके वर्णवाल, अधीक्षक, एसएनएमएमसीएच


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